सरकारी अस्पताल में सिस्टम फेल: डायलिसिस के दौरान कटी बिजली, मां बोली- आंखों के सामने बेटे ने तोड़ा दम

punjabkesari.in Saturday, Jun 14, 2025 - 07:28 PM (IST)

बिजनौर: जिला अस्पताल में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। डायलिसिस के दौरान बिजली कटने से 26 वर्षीय युवक की मौत हो गई। आरोप है कि न केवल बिजली चली गई, बल्कि अस्पताल का जनरेटर भी काम नहीं कर सका क्योंकि उसमें डीजल ही नहीं था। परिजन डॉक्टरों के आगे हाथ-पांव जोड़ते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

किडनी की समस्या से जूझ रहा था मृतक
नहटौर थाना क्षेत्र के फुलसंदा गांव निवासी सरफराज (26) को किडनी की समस्या थी और उसकी यह छठी डायलिसिस थी। शुक्रवार को सुबह 10:15 बजे परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल स्टाफ ने जरूरी दवाइयां और इंजेक्शन बाहर से मंगवाए। कुछ समय बाद सरफराज को तेज बुखार आया और हालत बिगड़ने लगी। सुबह 11 बजे डायलिसिस शुरू हुई, लेकिन आधे घंटे बाद बिजली चली गई और मशीनें रुक गईं।

 मृतक के मां का आरोप- बिना डायलिसिस पूरी किए इमरजेंसी में भेजा
जनरेटर चालू करने की कोशिश की गई, मगर वह भी नहीं चला क्योंकि उसमें डीजल नहीं था। पीड़ित की मां सलीमा डॉक्टरों से लगातार मदद की गुहार लगाती रही। वह कहती रही कि बेटा तड़प रहा है, जनरेटर चालू कर दो, लेकिन किसी ने नहीं सुना। अस्पताल स्टाफ ने सरफराज को बिना डायलिसिस पूरी किए इमरजेंसी में भेज दिया, जहां उसकी मौत हो गई।

सरकार हर महीने कंपनी को सेवा के लिए देते हैं 10 लाख रुपए
एक तीमारदार शादाब ने बताया कि अस्पताल में रोज बिजली जाती है, लेकिन जनरेटर कभी नहीं चलता। प्रबंधन कहता है कि डीजल के लिए फंड नहीं है। बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में डायलिसिस सेवाएं पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत संचालित हो रही हैं। सरकार हर महीने कंपनी को इस सेवा के लिए लगभग 10 लाख रुपये का भुगतान करती है। बावजूद इसके, बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं।

डीएम ने जांच के दिए आदेश
घटना के समय जिले के सीडीओ पूर्ण बोरा अस्पताल निरीक्षण पर थे। मामले की जानकारी मिलते ही डीएम जसजीत कौर भी अस्पताल पहुंचीं और लापरवाही पर नाराज़गी जताई। उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए और कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
 


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Content Writer

Ramkesh

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