Kanpur: इंजीनियरों की जान लेने की आरोपी महिला डॉक्टर का सरेंडर, हेयर ट्रांसप्लांट के बाद हुई थी दो की मौत

punjabkesari.in Monday, May 26, 2025 - 03:55 PM (IST)

कानपुर: सिर पर बाल उगाने के नाम पर दो इंजीनियरों की जान लेने की आरोपी महिला डॉक्टर अनुष्का तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। अनुष्का तिवारी 18 दिनों से फरार थी। उसकी तलाश में यूपी-बिहार, दिल्ली समेत कई राज्यों में पुलिस छापेमारी कर रही थी। आप को बता दें कि कानपुर में एक इंजीनियर ने हेयर ट्रांसप्लांट कराया। लेकिन इंफेक्शन की वजह से उसकी मौत हो गई। पीड़ित परिजन ने आरोपी महिला डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कराया था उसके बाद से पुलिस उस डॉक्टर की तलाश में जुटी थी।

जानिए मामला
कानपुर के पनकी पावर प्लांट में सहायक अभियंता विनीत दुबे तैनात थे। उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत दर्ज की है और बताया कि उनके पति ने  कल्याणपुर की डॉक्टर अनुष्का तिवारी से हेयर ट्रांसप्लांट कराया था। जिसकी वजह से उनके चेहरे पर सूजन आ गई और उनकी तबीयत खराब हो गई। इंफेक्शन ज्यादा होने की वजह से 15 मार्च को उनकी मौत हो गई। इसी बीच एक और इंजीनियर की मौत की जानकारी मिली है। इसने भी डॉक्टर अनुष्का तिवारी से हेयर ट्रांसप्लांट कराया था। बताया जा रहा है कि हेयर ट्रांसप्लांट के बाद रात को उसके सिर में तेज दर्द होने लगा। इसके बाद चेहरे पर सूजन और गई और मौत हो गई।

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद सिर में होने लगा दर्द
पीड़ित ने बताया कि केशवनगर की इंपायर क्लीनिक से हेयर ट्रांसप्लांट कराने पर पनकी पावर हाउस के सहायक अभियंता मयंक कटियार (32) प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (पीएसआईटी) से बीटेक करने के बाद निजी कंपनी में नौकरी कर रहा था। वह अपना व्यवसाय कानपुर में ही सेटअप करने की तैयारी में था। पिछले साल 18 नवंबर को मयंक हेयर ट्रांसप्लांट कराने के लिए केशवपुरम स्थित इंपायर क्लीनिक की डॉ. अनुष्का तिवारी के पास गया था। उसे सुबह करीब आठ बजे बुलाया था। डॉ. अनुष्का ने उसे दो बजे अपनी क्लीनिक से छोड़ा। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद वह घर आया। रात करीब 12 बजे उसके सिर में तेज दर्द हुआ। डॉ. अनुष्का से बात की तो उन्होंने इंजेक्शन लगवाने की बात कही। इंजेक्शन लगवाने के बाद भी उसका दर्द ठीक नहीं हुआ। इस पर उन्होंने पट्टी ढीली करने को कहा। इससे भी फर्क नहीं पड़ा तो डॉक्टर ने भरोसा दिलाया कि जल्द दर्द से राहत मिलेगी।

18 दिन से डॉक्टर की तलाश में जुटी थी पुलिस
पीड़ित के परिवार करीब छह महीने से थाने के चक्कर लगा रहे है। लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। मयंक की मां ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उसके बाद डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया। उसके बाद डॉक्टर अपना क्लीनिक छोड़कर फरार चल रही थी। फिलहाल 18 दिन बाद महिला डॉक्टर ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। 


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Content Writer

Ramkesh

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