रिंकू राही की संघर्ष भरी राह: गरीबी से लड़कर PCS बने, घोटाला उजागर करने पर माफिया ने 7 गोली मारी, डरे नहीं अब IAS बने
punjabkesari.in Wednesday, Jun 01, 2022 - 07:42 PM (IST)

हापुड़/मेरठ: प्राथमिक विद्यालय से पढ़ाई कर पीसीएस अधिकारी (समाज कल्याण अधिकारी) बने और 2019 से हापुड़ स्थित राजकीय आईएएस पीसीएस निःशुल्क कोचिंग सेंटर के प्रभारी रहे रिंकू राही ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा 2021 पास कर 683वां स्थान प्राप्त किया है।
आटा चक्की चलाने वाले शिवदान सिंह ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, वह कॉन्वेंट स्कूल में बच्चों को नहीं पढ़ा सकते थे, इस वजह से उनके बेटे रिंकू की पढ़ाई सरकारी स्कूल से ही हुई। उन्होंने बताया कि रिंकू ने परिषदीय स्कूलों से प्राथमिक शिक्षा प्रात की और राजकीय इंटर कालेज से इंटर किया। उन्होंने बताया कि अच्छे नंबर लाने पर उसे छात्रवृत्ति मिली और फिर उसने टाटा इंस्टीट्यूट से बीटेक किया एवं वर्ष 2008 में उसका चयन पीसीएस में हुआ। सिंह ने बताया कि 2008 में पीसीएस में चयन होने के बाद रिकूं मुजफ्फरनगर में समाज कल्याण अधिकारी बना एवं इस दौरान उसने विभाग में चल रहे घोटालों को उजागर किया जिससे घोटालेबाजों ने उसपर ताबातोड़ गोलियां चलवाईं और इस घटना में उसकी एक आंख चली गई।
पिता के अनुसार कई जनपदों में रहनें के बाद 2019 में वह हापुड़ स्थित राजकीय आईएएस पीसीएस निःशुल्क कोचिंग सेंटर के प्रभारी के रूप में कार्यरत है। रिकूं राही ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान 300 से भी अधिक बच्चे पीसीएस, पीपीएस सहित अन्य विभागों में नियुक्त हुए हैं।