पांच लाख रामभक्त आज शुरू करेंगे अभियान, घर-घर देंगे दस्तक; 22 जनवरी को दीपोत्सव मनाने के लिए करेंगे अपील

punjabkesari.in Monday, Jan 01, 2024 - 11:14 AM (IST)

Varanasi News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 22 जनवरी को होगा। इस कार्यक्रम के लिए जोरों से तैयारियां चल रही है। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पांच लाख कार्यकर्ता आज यानी सोमवार से घर-घर दस्तक अभियान शुरू करेंगे। इसके तहत सभी कार्यकर्ता गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों से अपील करेंगे कि 22 जनवरी को अपने घर में राम दीपोत्सव मनाएं।

बता दें कि एक से 22 जनवरी तक आरएसएस तीन चरणों में काशी प्रांत में अभियान चलाएगी। आरएसएस कार्यकर्ता पांच-पांच की टोली में गांव-गांव में संपर्क कर उन्हें अयोध्या पहुंचने का न्योता देंगे। एक से 15 जनवरी तक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा गृह संपर्क महाभियान में काशी प्रांत के 22 हजार गांवों के शत-प्रतिशत घरों में संपर्क किया जाएगा।15 जनवरी को संपर्क अभियान पूरा होने के बाद 18 से 21 जनवरी तक गांव-गांव और नगर-नगर में प्रभातफेरी निकाली जाएगी।

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कार्यकर्ता करेंगे 22 जनवरी को दीपावली मनाने की अपील  
इस अभियान के लिए सभी जिलों में 35 से 40 कार्यकर्ताओं की समिति बनाई गई है। सभी खंड और नगर पर निगरानी के लिए भी 30 कार्यकर्ताओं की टीम भी बनाई गई है। यह सभी कार्यकर्ता लोगों को 500 सालों के लंबे संघर्ष और बलिदान के बारे में जागरूक कराएंगे और उन्हें ऐसे ही दीपावली मनाने की अपील करेंगे, जैसे कि भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने पर मनाई गई थी।

प्राण प्रतिष्ठा का पांच लाख मंदिरों में होगा लाइव प्रसारण
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जिन लोगों को न्योता दिया गया है, सिर्फ वहीं लोग आ पाएंगे। लेकिन जो लोग इस दिन अयोध्या नहीं आ पाएंगे, वो रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को श्रद्धालु देश विदेश के पांच लाख मंदिरों में लाइव देख सकेंगे। आरएसएस की ओर से काशी प्रांत के सभी मंदिर, मठ सहित अन्य सार्वजनिक जगहों पर प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण किया जाएगा। मंदिरों में शंखनाद, घंटा नाद और प्रसाद वितरण की व्यवस्था और घरों पर भगवा पताके फहराए जाएंगे। इसके लिए संघ पदाधिकारी संपर्क अभियान के दौरान मंदिर समिति व पुजारी के साथ बैठक कर समाज के सभी जाति, मत और पंथ के लोगों को शामिल करने की योजना को मूर्त रूप देंगे। मंदिर की परंपरा अनुसार पूजा पाठ, आराधना और अनुष्ठान किया जाएगा और फिर शाम में भक्त कम से कम पांच दीप जलाकर आयोजन को दिवाली जैसा बनायें। 


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Content Editor

Pooja Gill

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