पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का हिंदुस्तान से नाम-ओ-निशान होगा खत्म, बागपत में नीलाम हो रही 13 बीघा पारिवारिक संपत्ति
punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2024 - 10:54 PM (IST)
Lucknow/Baghpat News: पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के परिवार के नाम दर्ज शत्रु संपत्ति को भारत सरकार नीलाम करने जा रही है। दरअसल, बागपत के कोताना गांव में स्थित पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख जनरल परवेज़ मुशर्रफ के परिवार के नाम दर्ज 13 बीघा शत्रु संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रशासन ने इस संपत्ति को नीलाम करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो 5 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, खरीदार के नाम पर संपत्ति दर्ज कर दी जाएगी। इसके बाद, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के भाई और परिवार का बागपत से नाम-ओ-निशान खत्म हो जाएगा
13 बीघा जमीन शत्रु संपत्ति घोषित
बता दें कि मुशर्रफ का परिवार बागपत के कोटाना गांव में रहता था। बंटवारे के दौरान उनका परिवार पाकिस्तान चला गया। यहां भारत में उनकी 13 बीघा जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया। अब जिला प्रशासन के जरिए मुशर्रफ की 13 बीघा जमीन की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कारगिल युद्ध में भारत के हाथों करारी हार के लिए बदनाम जनरल परवेज मुशर्रफ की पिछले साल निर्वासन में मौत हो गई थी।
परवेज़ मुशर्रफ की पैतृक जमीन और हवेली
गौरतलब है कि परवेज़ मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन कोताना गांव की रहने वाले थे। उनकी शादी भी इसी गांव में हुई थी, लेकिन 1943 में यह परिवार दिल्ली चला गया, जहां परवेज़ मुशर्रफ और उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ। विभाजन के समय, 1947 में उनका परिवार पाकिस्तान चला गया। दिल्ली के अलावा, उनकी हवेली और खेती की जमीन कोताना में भी मौजूद थी। हालांकि, बाद में परवेज़ मुशर्रफ की जमीन बेच दी गई, लेकिन उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ और परिवार के अन्य सदस्यों की 13 बीघा से ज्यादा की खेती की जमीन बची रही। इसके अलावा, कोताना की हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम दर्ज हो गई थी।