बलिया का नक्सली सीताराम वाराणसी से गिरफ्तार! 13 साल से फरार माओवादी का नेटवर्क होगा उजागर, ATS की बड़ी कार्रवाई

punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 08:32 AM (IST)

Varanasi News: उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) के प्रमुख सदस्य और लंबे समय से फरार नक्सली सीताराम उर्फ विनय जी उर्फ ओमप्रकाश उर्फ धनु को गिरफ्तार किया है। आरोपी बलिया का रहने वाला है और वह लगभग 13 सालों से फरार चल रहा था। उस पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। सीताराम को वाराणसी के काशी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया।

खुफिया सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई
एटीएस को लंबे समय से जानकारी मिल रही थी कि सीपीआई (माओवादी) का यह शीर्ष सदस्य लगातार नाम और भेष बदलकर अलग-अलग राज्यों में छिपकर रह रहा है। इस सूचना के आधार पर 15 दिसंबर को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में सामने आया है कि सीताराम ने साल 1986 में घर छोड़कर माओवादी संगठन से जुड़ना शुरू किया। साल 1990 में वह संगठन की सेकेंड सेंट्रल कमेटी (2nd CC) का जोनल सेक्रेटरी बना। 21 सितंबर 2004 को एमसीसी और पीडब्ल्यूजी के विलय से बनी सीपीआई (माओवादी) पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक में भी उसकी मौजूदगी रही थी। उसे संगठन के जन आंदोलन के विस्तार की जिम्मेदारी दी गई थी। उसकी बैठकों में शहरी क्षेत्रों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स भी शामिल होते थे।

जघन्य वारदातों में शामिल रहा आरोपी
सीताराम पर कई गंभीर अपराधों का आरोप है। साल 2012 में बलिया जिले के सहतवार थाना क्षेत्र के अतरडरिया गांव में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर ग्राम प्रधान मुसाफिर चौहान की पत्नी फूलमति की हत्या कर दी थी। ग्राम प्रधान पर पुलिस मुखबिर होने का संदेह था, और उसकी हत्या की भी योजना थी, लेकिन वह बच गया था। इस मामले में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था और उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इसके अलावा 15 अगस्त 2023 को वह अपने साथियों के साथ बैठक कर रहा था, जहां उसके कई प्रमुख सहयोगी गिरफ्तार हुए और नक्सली साहित्य और हथियार बरामद हुए। उस समय सीताराम फरार हो गया था। इस संबंध में एटीएस लखनऊ में दर्ज मुकदमे की विवेचना वर्तमान में एनआईए कर रही है।

बिहार में भी दर्ज हैं कई मामले
सीताराम पर केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि बिहार के मुजफ्फरपुर, बांका और सीतामढ़ी में भी बैंक डकैती, हत्या, मारपीट और अवैध हथियार रखने जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं।

आगे की कार्रवाई जारी
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में संगठन के अन्य सदस्यों और नेटवर्क से जुड़ी अहम जानकारियां सामने आने की उम्मीद है। इन जानकारियों के आधार पर आगे की कार्रवाई और अभियान जारी रहेगा।


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Content Editor

Anil Kapoor

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