स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतरी सपा की पूर्व प्रदेश सचिव पूनम मौर्या, बोली- यह विचारधारा की लड़ाई
punjabkesari.in Thursday, Feb 02, 2023 - 01:59 PM (IST)

लखनऊ (अश्वनी कुमार सिंह) : समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) का रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर दिए गए विवादित बयान (Disputed statement) के बाद से ही प्रदेश में राजनीति गर्मा है। जहां देश-प्रदेश में सत्ताधारी BJP के नेता से लेकर साधु-संतों तक ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधा हैं। वहीं अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के शूद्र वाले बयान के बाद अब पार्टी नेता खुलकर स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन (Support) में उतर गए हैं। समाजवादी पार्टी की पूर्व प्रदेश सचिव (Former state secretary) पिछड़ा वर्ग नेता पूनम मौर्या ने सपा कार्यालय के बाहर एक बोर्ड लगवाया है। जिसमें उन्होंने अपने नाम के आगे शूद्र लिखकर स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन किया है।
सपा दफ्तर के बाहर लगाया पोस्टर
समाजवादी पार्टी की पूर्व प्रदेश सचिव पिछड़ा वर्ग नेता पूनम मौर्य ने पार्टी कार्यालय (Party office) के बाहर एक बोर्ड लगवाया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि अधम ते अधम अति नारी अर्थात जो नीच से भी नीच है। स्त्रियां उनमें भी अत्यन्त अधम है धर्म ग्रन्थों की आड़ मे ताड़न का अपमान भारत की नारी नहीं सहेंगी। पूनम मौर्या की तरफ से लगाए गए पोस्टर में अपने नाम के आगे शूद्र भी लिखा गया है। पोस्टर (Poster) में लिखा गया है कि तुलसीदास (Tulsi Das) तेरा ताड़ना बाण भीम की बेटियां नहीं सहेंगी।
सपा प्रमुख ने किया था अप्रत्यक्ष तौर पर समर्थन
करीब 4 दिन पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President) अखिलेश यादव कन्नौज के दौरे पर थे। जहां पत्रकारों ने उनसे स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सवाल पूछा था तो उन्होंने उस वक्त कहा था कि मैं मुख्यमंत्री जी से जब विधानसभा (Assembly) में मिलूंगा तो उनसे पूछूंगा कि क्या मैं शूद्र हूं ? इसके बाद से ही लगातार सपा नेता मौर्य के समर्थन में अपने नाम के आगे शूद्र लिखकर पोस्टर लगा समर्थन कर रहे हैं।
2024 की लड़ाई अगड़ा बनाम पिछड़ा करना चाहती है सपा
सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के हाथों लगातार 4 बार शिकस्त झेलने के बाद समाजवादी पार्टी आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को अगड़ा बनाम पिछड़ा बनाना चाहती हैं। फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव के दौरान सपा नेता लगातार 85 और 15 की बात कर रहे थे लेकिन उस वक्त उनका यह कार्ड नहीं चल पाया था। इसी वजह से सपा चुनाव से करीब 1 साल पहेल अगड़ा बनाम पिछड़ा का कार्ड खेलकर पिछड़ी जातियों के वोटों को साधना चाहती हैं। आपको बता दें कि प्रदेश में 2024 से लेकर अब तक जितने भी चुनाव हुए है उनमें पिछड़ी जातियों ने भाजपा को एकतरफा वोट किया हैं।