आयुष्मान कार्ड से निजी अस्पताल में मुफ्त होने वाली सिजेरियन डिलीवरी बंद, जनरल मैनेजर ने जारी किया आदेश

punjabkesari.in Tuesday, Nov 29, 2022 - 04:56 PM (IST)

सुल्तानपुरः उत्तर प्रदेश में आयुष्मान कार्ड के जरिए अब निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी कराने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए एक बुरी खबर है। अब निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से सिजेरियन डिलीवरी नहीं होगी। महिलाओं को इसके लिए सरकारी अस्पताल का ही सहारा लेना होगा। लेकिन जो भी लोग प्राइवेट अस्पताल में डिलीवरी कराना चाहते है, उन्हें अपना कर्च खुद उठाना पड़ेगा।

बता दें कि सिजेरियन डिलीवरी में आयुष्मान कार्ड के जरिए पूर्व में दी जाने वाली राशि को निजी अस्पतालों में बंद कर दिया गया है। इससे जिले के निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी का खर्च महिलाओं व उनके तीमारदारों को खुद उठाना पड़ रहा है। दरअसल, जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन छह से सात सिजेरियन डिलीवरी होती है। वहीं, निजी अस्पताल में 20 से 30 सिजेरियन डिलीवरी का औसत है। केंद्र सरकार ने गरीबों को चिकित्सीय मदद के लिए आयुष्मान कार्ड जारी किया है। इसके तहत कार्ड धारक को पांच लाख रुपये तक की चिकित्सीय सुविधा की व्यवस्था है। अब तक निजी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी की स्थिति में महिलाएं व उनके तीमारदार आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल करते थे।

सिजेरियन डिलीवरी पर मिलने वाले खर्च को कार्ड के दायरे से हटा
स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विस (साचीज) लखनऊ के जनरल मैनेजर डॉ. बीके पाठक ने सभी प्राइवेट अस्पताल को आदेश जारी कर सिजेरियन डिलीवरी पर मिलने वाले खर्च को आयुष्मान कार्ड के दायरे से हटा दिया है। वहीं, जिला महिला अस्पताल की सर्जन डॉ. आस्था त्रिपाठी ने बताया कि जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन छह से सात सिजेरियन डिलीवरी कराई जाती है। कभी-कभी यह संख्या 10 से 12 तक पहुंच जाती है। मौजूदा समय में उनके अलावा डॉ. सरोज ही सर्जन हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने बताया योजना बंद होने का कारण
इस योजना के बंद होने को लेकर जब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, सरकार ने सीजेरियन प्रसव को प्राइवेट अस्पताल की सूची से इसलिए बाहर किया है कि कई अस्पतालों से शिकायत मिलती थी कि नार्मल प्रसव को भी क्रिटिकल बताते हुए सीजेरियन प्रसव करा दिया जाता था। जिसको लेकर सरकार को काफी पैैसे खर्च करने पड़ रहे थे। जिसके चलते इसे बंद कर दिया गया। 


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Content Editor

Pooja Gill

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