चंद्रग्रहण के कारण टूटी परंपरा: 27 सालों में तीसरी बार दिन में हुई विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती

punjabkesari.in Wednesday, Jul 17, 2019 - 12:34 PM (IST)

वाराणसीः खंडग्रास चंद्रग्रहण के कारण धार्मिक नगरी वाराणसी के ऐतिहासिक दशाश्वमेध घाट पर रोजाना शाम को होने वाली विश्वप्रसिद्ध मां गंगा आरती मंगलवार को दिन में आयोजित की गई। आरती बुधवार रात 1:31 मिनट पर चंद्रग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले अपराह्न 3 बजे से 4 बजे के दौरान हुई। 

बता दें कि, 27 सालों के इतिहास में यह तीसरा मौका था, जब दशाश्‍वमेध समेत अन्‍य घाटों पर आरती शाम की बजाए दिन के उजाले में हुई। इससे पहले पिछले साल 27 जुलाई, 2018 को दिन में एक बजे और उससे पहले 8 अगस्‍त को दिन में 12 बजे आरती हुई थी। मठों-आश्रमों में गुरु की पूजा भी सूतक काल लगने से पहले की गई। आरती आयोजन करने वाली संस्था गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र एवं गंगोत्री सेवा समिति के अध्यक्ष बाबू महाराज ने बताया कि चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होने की पौराणिक मान्यता है। इस दौरान आरती करना शुभ नहीं माना जाता है। यही वजह है कि शाम छह बजे की बजाए मंगलवार अपराह्न 3 बजे से 4 बजे के दौरान मां गंगा की आरती विधि-विधान के साथ की गई।

उन्होंने बताया कि आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। सूतक काल शुरू होने के साथ ही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को छोड़कर संकट मोचन हनुमान मंदिर समेत अधिकांश मंदिरों के कपाट अपराह्न करीब साढ़े चार बजे और इससे पहले बंद कर दिए गए।

 


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Deepika Rajput

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