लाश लेने पहुंचे, चेहरा देखा तो पैरों तले जमीन खिसक गई—बोले ‘ये हमारा अवधेश नहीं!’... प्रयागराज पोस्टमार्टम हाउस में बड़ी लापरवाही से 2 जिलों में मच गया हड़कंप
punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 06:43 AM (IST)
Prayagraj News: प्रयागराज जिले के पोस्टमार्टम हाउस से लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां कर्मचारियों की गलती के कारण जौनपुर के एक व्यक्ति का शव फतेहपुर के लोग लेकर चले गए। हालांकि कुछ देर में यह गड़बड़ी पकड़ में आ गई और शव को ले जा रहे लोग बीच रास्ते से ही वापस लौट आए।
कैसे हुई गड़बड़ी?
रोज की तरह पोस्टमार्टम हाउस में शव लाने और लेने का काम चल रहा था। इसी दौरान दो शवों का पोस्टमार्टम किया गया। जितेंद्र कुमार केसरवानी (40 वर्ष) – फतेहपुर के खागा, विजयनगर रेलवे कॉलोनी के निवासी। रेलकर्मी जितेंद्र की ट्रैक पर काम करते समय कालिंदी एक्सप्रेस की चपेट में आने से मौत हो गई थी। वहीं अवधेश कुमार उमर वैश्य (57 वर्ष) – जौनपुर के मीरगंज के निवासी, जिनकी मौत सड़क हादसे में हुई थी। पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद दोनों शवों को सील कर दिया गया था। शव सौंपते समय ही बड़ी गलती हो गई और जितेंद्र के परिवारवालों को उनके अपने परिजन की जगह अवधेश का शव दे दिया गया, जिसे वे फतेहपुर लेकर निकल भी पड़े।
गड़बड़ी का पता कैसे चला?
उधर, जब कर्मचारियों ने अवधेश का शव उनके घरवालों को सौंपना चाहा, तो परिजन ने अंतिम बार चेहरा देखने की मांग की। जैसे ही उन्होंने शव का चेहरा देखा, उनके होश उड़ गए—शव किसी और व्यक्ति का था। यह देखकर पोस्टमार्टम हाउस में अफरा-तफरी मच गई। तुरंत ही वहां से शव लेकर निकले अन्य सभी परिवारों को फोन किया गया और कहा गया कि रास्ते में रुककर शव की पहचान अवश्य कर लें।
कौन-कौन लेकर जा रहा था शव?
तीन परिवार शव लेकर बाहर निकले थे—फतेहपुर, बांदा और बारा के। बांदा और बारा वाले परिवारों ने रास्ते में रुककर शव देखा और बताया कि उनके परिजन का शव सही है। लेकिन फतेहपुर के लिए जितेंद्र का शव लेकर निकले परिजन जब सुलेमसराय पहुंचे और उन्होंने चेहरा देखा, तो वे भी हैरान रह गए। उन्हें समझ आ गया कि वे किसी और का शव ले आए हैं। इसके बाद वे तुरंत लौटकर पोस्टमार्टम हाउस आए और अपने परिजन का सही शव हासिल किया।
समय रहते बच गई बड़ी गलती
कर्मचारियों की इस लापरवाही ने दो परिवारों को बड़ी परेशानी में डाल दिया। हालांकि समय रहते गड़बड़ी पकड़ में आने से मामला और गंभीर होने से बच गया। पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं और मामले की जांच की मांग की जा रही है।

