ज्ञानवापी केस: हिंदू पक्ष को जिला अदालत से झटका, कोर्ट बोला- तहखाने की छत पर होती रहेगी नमाज

punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2024 - 05:53 PM (IST)

वाराणसी: जिले की एक अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में जारी पूजा को यथावत रखते हुए तहखाने के मौजूदा संरक्षक जिलाधिकारी को किसी भी प्रकार की तहखाने की मरम्मत का आदेश देने से इंकार करते हुए हिन्दू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। हिन्दू पक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि व्यास जी के तहखाने की मरम्मत करने के विषय पर हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्ति के मद्देनजर न्यायाधीश ने यह निर्णय दिया।

मुस्लिम पक्ष की आपत्तियां शीर्ष अदालत में लंबित
उन्होंने बताया कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) हितेश अग्रवाल की अदालत ने तहखाने में जारी पूजा गतिविधियों को बरकरार रखा और मुस्लिम पक्ष द्वारा उठाई गई आपत्तियों और शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित याचिकाओं को ध्यान में रखते हुए बृहस्पतिवार को यह आदेश दिया। मदन मोहन ने बताया कि अब हिंदू पक्ष तहखाना की मरम्मत के संदर्भ में जिला न्यायाधीश की अदालत में अपील करेगा। यादव ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बाद 31 जनवरी को व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना फिर से शुरू हो गई, जिससे श्रद्धालुओं को स्थापित मूर्तियों के दर्शन करने की अनुमति मिल गई। हालांकि, हिंदू पक्ष ने तहखाने की पुरानी और कमजोर छत के कारण इसकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और मरम्मत कार्य के लिए न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की।

मुस्लिम पक्ष का दावा- छत कमजोर नहीं
मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की याचिका का विरोध किया। कोर्ट में दलील दी कि छत इतनी भी कमजोर नहीं है कि किसी के जाने से क्षतिग्रस्त हो जाए। हम सालों से छत पर नमाज पढ़ते रहे हैं। ज्ञानवापी में सालों से मुसलमान पांचों वक्त की नमाज बिना रोक-टोक के पढ़ते चले आ रहे हैं। ज्ञानवापी में क्षमता के अनुसार जितने नमाजी आ सकते हैं, उतने ही लोग नमाज पढ़ते हैं। मुस्लिम पक्ष ने यह भी बताया कि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के लोग या आम नमाजी तहखाना की छत पर इधर-उधर बिना वजह नहीं घूमते। जूते या स्लीपर पहनकर तहखाने की छत पर या मस्जिद या उसके आसपास नहीं जाते।

 कोर्ट के आदेश के बाद तहखाना खुला
वाराणसी कोर्ट के आदेश पर 31 जनवरी 2024 को व्यास तहखाने का ताला 31 साल बाद खुला था। देर रात को मूर्तियां रख कर पूजा-अर्चना की गई। दीप जलाकर गणेश-लक्ष्मी की आरती उतारी गई। तहखाने की दीवार पर बने त्रिशूल समेत अन्य धार्मिक चिह्नों को भी पूजा गया।तहखाने के पारंपरिक पुजारी रहे व्यास परिवार ने याचिका दाखिल कर पूजा-पाठ की इजाजत मांगी थी।


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Content Writer

Ramkesh

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