HC ने राजधानी में अवैध निर्माण पर गंभीर चिंता व्यक्त की, LDA को दोषी अधिकारियों की सूची पेस करने के निर्देश
punjabkesari.in Saturday, Oct 22, 2022 - 01:38 AM (IST)

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के अधिकारियों की कथित मिलीभगत से राज्य की राजधानी में हुए अवैध निर्माण पर शुक्रवार को गंभीर चिंता व्यक्त की। पीठ ने एलडीए को ऐसे अधिकारियों की सूची पेश करने का निर्देश दिया जो तब चुप रहे जब अवैध निर्माण हो रहा था तथा इससे अपनी आंखें मूंद लीं। पीठ ने एलडीए को निर्देश दिया कि वह दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट उसके सामने रखें।
10 साल पहले दायर जनहित याचिका पर आदेश पारित
मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने लेफ्टिनेंट कर्नल अशोक कुमार (सेवानिवृत्त) की ओर से 10 साल पहले दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया। जनहित याचिका ने शहर में अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया गया था और इसके लिए एलडीए अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराया था। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि कदाचार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और इसलिए अधिकारी बिना डर के बिल्डरों के साथ कथित रूप से सांठगांठ करते रहते हैं।
9 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई मुकर्रर
2012 में, जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान, एलडीए ने पीठ को अवगत कराया था कि अपने क्षेत्र में अवैध निर्माण रोकने में नाकाम रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पीठ ने शुक्रवार को पाया कि एलडीए ने कार्रवाई की रिपोर्ट आज तक उसके सामने नहीं रखी। अपने आदेश में पीठ ने कहा, "एलडीए के अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि वे इस बात की निगरानी करें कि निर्माण योजना को मंजूरी मिलने के बाद ही शुरू हो ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्माण स्वीकृत योजना के अनुसार किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करें कि बिना अनुमति के कोई भी अवैध निर्माण नहीं किया जाए।" पीठ ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख नौ नवंबर तय की है।