बाराबंकी में भारी बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर, खेतों में डूबा जिले के लाखों किसानों का धान.... अब कैसे होगी कर्जे की भरपाई?
punjabkesari.in Tuesday, Sep 19, 2023 - 08:50 AM (IST)

(अर्जुन सिंह) Barabanki News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में हुई भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले दिनों हुई बारिश से धान के किसानों की कमर टूट गई है। वहीं सब्जियों की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। बारिश के चलते एक ओर जहां शहर से लेकर गांवों तक जलभराव है। इस अतिवृष्टि से धान, ज्वार, मक्का व सब्जियों की खेती को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, तो वहीं बारिश से जिले में नदियां उफान पर हैं। तमाम खेतों में अभी भी फसले डूबी हुई हैं, जिससे अब फसले सड़ने लगी हैं। ऐसे में जिले के लाखों किसान अपने धन की लागत भी नहीं निकाल पाएंगे। प्रकृति की मार से किसान हताश और परेशान है।
बाराबंकी में पिछले दिनों हुई भारी बारिश ने जिले में मचा दी तबाही
आपको बता दें कि बाराबंकी जिले में पिछले दिनों हुई भारी बारिश ने जिले में तबाही मचा दी है। इस भारी बारिश से जनजीवन तो अस्त व्यस्त हुआ ही है साथ में धान, ज्वार, मक्का और सब्जियों की खेती को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जिले के लाखों धान किसानों के खेतों में अभी जलभराव है। जुलाई और अगस्त के महीने में बारिश न होने से किसानों ने महंगी सिंचाई करके धान की फसल तैयार की थी। जिलके चलते इसकी लागत भी बढ़ गई। फसल से किसानों को बहुत उम्मीदें थीं मगर बेमौसम हुई भारी बारिश ने खेतों में तैयार धान की फसल को बर्बाद कर दिया। खेत में धान की फसल गिर गई और अब वह जलभराव के चलते सड़ रही है।
फसल का लागत मूल्य भी निकाल पाना मुश्किल: पीड़ित किसान
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ऐसे में किसानों का कहना है कि फसल का लागत मूल्य भी निकाल पाना मुश्किल है। धान के साथ ही सब्जियों की फसल भी बर्बाद हो गई है। खेतों में पानी भरने से फसल सड़ जाएगी। वहीं कई किसानों की धान की फसल आधी पक चुकी थी। किसानों ने बताया कि इस बारिश से हम पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं। क्योंकि हम लोगों ने किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लेकर यह फसल लगाई थी। जिसमें महंगी दवाइयां खाद, बीज आदि चीजों का काफी खर्च आया है, अब यह फसल तो पूरी तरह से नष्ट हो गई है। हम लोगों को खाने के भी लाले पड़ जाएंगे। पीड़ित किसानों का कहना है कि हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारी फसलों का मुआवजा दिया जाए जिससे हम अपना पेट पाल सके।