Loksabha Election 2024: बलिया लोकसभा सीट का इतिहास, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के गढ़ में क्या है चुनावी माहौल ?

punjabkesari.in Tuesday, Apr 02, 2024 - 05:39 PM (IST)

Loksabha Election 2024: बलिया लोकसभा क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश में बिहार से सटा हुआ जिला है। बलिया को बागी बलिया के नाम से भी जाना जाता है। यहां कई ऋषि महात्माओं का आश्रम हुआ करता था। इसके अलावा यह जिला पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के लिए याद किया जाता है। बलिया ने देश के लिए कई क्रांतिकारी पैदा किए। जिनमें मंगल पांडेय, चित्तू पांडेय, जय प्रकाश नारायण, हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे दिग्गज शामिल हैं। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि महान ऋषि जमदग्नि, वाल्मीकि, भृगु और दुर्वासा आदि ऋषियों के आश्रम बलिया में ही थे। अपने आप में कई इतिहास समेटे बलिया पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की कर्मभूमि के रूप में भी जाना जाता है। गंगा और सरयू नदी के किनारे बसा यह शहर अपने आप में कई सारे राजनैतिक और पौराणिक इतिहास समेटे हुए है। 

बात करें राजनैतिक लोकसभा इतिहास की तो यहां से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर लगातार 6 बार चुनाव जीते। इस सीट पर पहली बार चुनाव 1952 में हुए। उसके बाद 1957 में चुनाव हुए, इस चुनाव में कांग्रेस के राधामोहन दूसरी बार सांसद बन। 1962 के चुनाव में कांग्रेस के मुरली मनोहर सांसद बने। 1967 और 1971 में कांग्रेस चंद्रिका प्रसाद सांसद चुने गए। 1977 के चुनाव में पहली बार भारतीय लोकदल से चंद्रशेखर सांसद बने और संसद पहुंचे, 1980 में चंद्रशेखर जेएनपी पार्टी से सांसद चुने गए। 1984 में चंद्रशेखर को कांग्रेस के जगन्नाथ के हाथों हार मिली, लेकिन 1989 के चुनाव में चंद्रशेखर जनता दल से सांसद बने। 1991 के चुनाव में चंद्रशेखर जनता पार्टी से सांसद बने। 1996 के चुनाव में चंद्रशेखर सैप पार्टी से चुनाव जीत कर सांसद बने।
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1998 के चुनाव में चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी से जीत कर संसद पहुंचे।1999 के चुनाव में चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी से जीत कर संसद पहुंचे। 2004 के चुनाव में भी चंद्रशेखर समाजवादी जनता पार्टी से सांसद चुने गए। लेकिन 8 जुलाई 2007 को चंद्रशेखर  एक गंभीर बीमारी से परलोक सिधार गए। इसके बाद 2007 में हुए उपचुनाव में चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर यहां से उपचुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 2009 के चुनाव में नीरज शेखर समाजवादी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़े और संसद पहुंचे। वहीं इस सीट पर मोदी लहर में पहली बार बीजेपी को 2014 में जीत मिली और भरत सिंह संसद पहुंचे। जिसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के वीरेंद्र सिंह मस्त 15 हजार 519 वोटो से विजयी रहे थे।

बलिया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें
बलिया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती है। जिनमें बलिया जिले की फेफना, बलिया नगर, और बैरिया शामिल हैं। तो वहीं गाजीपुर जिले की जहूराबाद और मोहम्मदाबाद विधानसभा भी बलिया लोकसभा क्षेत्र के ही अंतर्गत आती है।
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अगर 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो यहां समाजवादी पार्टी ने फेफना, बैरिया और मोहम्मदाबाद की सीट पर अपना परचम लहराया था तो वहीं भाजपा और सुभासपा को बलिया नगर और जहूराबाद की सीट से क्रमश: जीत मिली थी। इससे पहले हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में बलिया की 4 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा था और जहूराबाद विधानसभा से  सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर जीते थे।

एक नजर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर
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2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बलिया सीट पर कुल 17 लाख 92 हज़ार 420 वोटर थे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 84 हज़ार 467 थी। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 7 हजार 891 थी वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 62 थी।

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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अगर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त 4 लाख 69 हजार 114 वोट के साथ विजयी रहे थे।उन्होंने सपा के सनातन पांडे को 15 हजार 519 वोटों के अंतर से मात दी थी। सपा के सनातन पाडें को कुल 4 लाख 53 हजार 595 वोट मिले थे। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विनोद 35 हजार 900 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे।            

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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बलिया लोकसभा सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पहली बार जीत मिली थी और यहां से भरत सिंह सांसद बने थे। भरत सिंह को कुल 3 लाख 59 हज़ार 758 वोट मिले। दूसरे नंबर पर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नीरज शेखर रहे थे। नीरज को कुल 2 लाख 20 हज़ार 324 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कौमी एकता दल से अफजाल अंसारी रहे थे। जिन्होंने इसके बाद गाजीपुर से अगला चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे। अफजाल को 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 1 लाख 63 हजार 943 वोट मिले। 

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर चुनाव जीते थे। नीरज शेखर को कुल 2 लाख 76 हज़ार 649 वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा के संग्राम सिंह यादव रहे। संग्राम को कुल 2 लाख 4 हजार 94 वोट मिले...तीसरे नंबर पर बीजेपी के मनोज सिन्हा रहे। मनोज सिन्हा को कुल 1 लाख 37 हज़ार 740 वोट मिले।

एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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2004 के लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर 8वीं बार सांसद बने थे। इस चुनाव में चंद्रशेखर को 2 लाख 70 हज़ार 136 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बसपा के कपिल देव यादव रहे थे। कपिल देव को कुल 1 लाख 89 हज़ार 82 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के परमात्मा नंद तिवारी रहे। परमात्मा नंद को इस चुनाव में 1 लाख 9 हजार 499 वोट मिले। हालांकि चंद्रशेखर की 2007 में मृत्यु हो गई थी..इसके बाद हुए उपचुनाव में चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर यहां से चुनाव जीत कर सांसद बने।

बलिया के बाबू कहे जाने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
बलिया लोकसभा सीट, बलिया के बाबू कहे जाने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का गढ़ रहा है। वो यहां से कुल आठ बार जीतकर संसद पहुंचे। 2007 में उनकी मृत्यु के बाद बलिया की जनता ने उनके बेटे नीरज शेखर को संसद भेजा। जिसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर नीरज शेखर बलिया से जीत कर संसद पहुंचे थे। हालांकि उसके बाद हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के भरत सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। अपने अब तक के इतिहास में भाजपा ने 2014 में पहली बार इस सीट पर जीत का स्वाद चखा था...जिसके बाद 2019 में भी भाजपा ने यहां से जीत दर्ज की थी।

हालांकि 2019 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदलकर वीरेंद्र सिंह मस्त को मैदान में उतारा था...अगर बात बलिया के जातिगत वोट की करें तो यहां सबसे ज्यादा करीब तीन लाख ब्राह्मण वोटर हैं। इसके बाद यादव और राजपूत वोटरों की संख्या करीब ढाई-ढाई लाख हैं जो यहां का सांसद चुनने में एक निर्णायक भूमिका निभाते है। मुस्लिम वोटरों की संख्या भी यहां तकरीबन एक लाख से ज्यादा है।  देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा बलिया में अपनी बादशाहत बरकरार रख पाएगी ? या इस बार बलिया सीट पर विपक्ष अपना परचम लहराएगा ?


 


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Content Editor

Imran

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