सरकार ने ढूंढ निकाली विपक्षी दलों के जातीय जनगणना की काट, मास्टरों से करा रही परिवार सर्वेक्षण सर्वे!

punjabkesari.in Friday, May 12, 2023 - 09:43 PM (IST)

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने परिवार सर्वेक्षण कराकर विपक्षी दलों की जातीय जनगणना कराए जाने की मांग की धार को कुंद करने की कोशिश की है। विपक्षी दल खासतौर से समाजवादी पार्टी, जातीय जनगणना न कराने की सरकार की मंशा को लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाना चाहती थी। विपक्ष की सियासी चाल को भांप कर सरकार ने प्रदेश के हर परिवार का आर्थिक व सामाजिक ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है।

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परिवार सर्वेक्षण के नाम से कराया जा रहा सर्वे
देश के प्राइमरी स्कूल के छह लाख शिक्षकों को लगाकर पिछले अप्रैल महीने से परिवार सर्वेक्षण के नाम से सर्वे कराया जा रहा है। कहने को तो सरकार स्कूलों में नामांकन, ड्रॉप आउट और आउट ऑफ स्कूल बच्चों को चिन्हित करने के लिए यह सर्वे करा रही है। लेकिन वास्तविकता कुछ और तो नहीं? दरअसल, इस सर्वे के जरिये प्रदेश के ग्रामीण व शहरी इलाकों के सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की आबादी के साथ उनकी आर्थिक तथा शैक्षिक स्थिति का भी आकलन किया जा रहा है। शिक्षकों को इसी 31 जुलाई तह उन्हें प्रदेश के हर घर का डेटा जुटाना है।

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बड़े प्रारूप के जरिए जुटाई जा रही हर जानकारी
परिवार सर्वेक्षण का एक बड़ा प्रारूप तैयार किया गया है। इस प्रारूप परिवार के मुखिया की जानकारी के तहत मुखिया का नाम, आयु, लिंग, वैवाहिक स्थिति, सामाजिक वर्ग (सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी), शैक्षिक योग्यता, परिवार की अनुमानित आय, घर के सदस्यों का मोबाइल नंबर, घर का स्वामित्व, परिवार की आर्थिक हालत, वह बीपीएल या एपीएल किसी श्रेणी में है, यह सब संकलित किया जा रहा है। इतना ही नहीं इस प्रारूप में छह माह से लेकर 14 वर्ष से अधिक आयु के हर सदस्य का नाम, आयु, लिंग और शैक्षिक जानकारी दर्ज की जा रही है


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Content Writer

Ajay kumar

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