कितनी कामयाब होगी UPGIS-23 की कवायद, UP सरकार के लक्ष्य से 4 लाख करोड़ ज्यादा के आए निवेश प्रस्ताव

punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2023 - 02:25 PM (IST)

लखनऊ : जब से उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनी हैं वह प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार (employment) के अवसर उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही हैं। प्रदेश में रोजगार को बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने पहली बार 2018 में UP इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। जिसमें सरकार को अच्छी मात्रा में निवेश मिला था। जिसके बाद कोरोना के वजह से सरकार दोबारा इन्वेस्टर समिट नहीं करा पाई थी। इस साल जब कोरोना का प्रकोप जब खत्म हो गया तो सरकार ने अपने इस महत्वकांक्षी परियोजना को फिर से शुरू किया हैं। जिसके तहत 10 से 12 फरवरी तक प्रदेश के राजधानी में GIS-23 का आयोजन किया गया हैं। जिसमें सरकार ने प्रदेश में निवेश के लिए पहले 10 लाख करोड़ फिर 17 लाख करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया था। सरकार के मंशा के अनुरूप उसे 21 लाख करोड़ के निवेश का प्रस्ताव अब तक मिल चुका हैं।  

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21 लाख करोड़ का मिला निवेश प्रस्ताव
UP-GIS 2023 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 10-12 फरवरी 2023 को निर्धारित किया गया है। जिसमें राज्य सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का लक्ष्य रखा था। इसके बाद लक्ष्य को संशोधित कर 17 लाख करोड़ का प्रस्ताव निर्धारित किया गया।  जानकारी के अनुसार निवेश का लक्ष्य 17 लाख करोड़ रुपए अब बढ़ा दिया जाएगा। सरकारी सूत्रों का दावा है कि उसे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 से पहले 21 लाख करोड़ रुपए (21 lakh crore rupees) के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसकी एक प्रमुख वजह ये भी है कि प्रदेश में CM योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निवेश के अनुकूल माहौल बना हैं।

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क्या UP GIS-23 से UP की तस्वीर बदलने वाली है
इन सभी बातों को देखते हुए सबके मन में एक ही सवाल बार बार आ रहा है  कि क्य अस आयोजन से सच में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने जा रही हैं। जो राज्य कभी सिर्फ अपराध, जातिगत राजनीति व अपने पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था। जिस राज्य में अफसरशाही, बाबूगीरी और इंस्पेक्टर राज जैसी मुश्किलें से कंट्रोल हो पाई हैं। वहां योगी सरकार की इस कवायद को कितनी कामयाबी मिलेगी। इन सभी सवालों का जवाब निचे आप विस्तार से पढ़ सकते हैं।

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विनिर्माण क्षेत्र से सबसे अधिक निवेशकों के प्रस्ताव
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कुल निवेश प्रस्तावों के करीब 56 प्रतिशत के साथ विनिर्माण क्षेत्र पहले स्थान पर है। इसमें कहा गया है कि राज्य में कारोबार करने में आसानी के साथ-साथ कारोबार शुरू करने में आसानी को ध्यान में रखते हुए विभिन्न घरेलू और विदेशी कंपनियां उत्तर प्रदेश में अपना कारोबार बढ़ाने या स्थापित करने की योजना बना रही हैं।

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कृषि एवं अन्य क्षेत्रों से भी मिले भारी निवेश के प्रस्ताव
कुल निवेश प्रस्तावों में से 15 प्रतिशत के साथ कृषि क्षेत्र दूसरे स्थान पर है जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर 8 प्रतिशत निवेश प्रस्तावों के साथ तीसरे स्थान पर है। कपड़ा क्षेत्र 7 प्रतिशत के साथ चौथे स्थान पर बना हुआ है जबकि पर्यटन कुल निवेश प्रस्तावों के 5 प्रतिशत के साथ पांचवें स्थान पर आता है। शिक्षा, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य सेवा, भंडारण और रसद, नवीकरणीय ऊर्जा और फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

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निवेशकों को लुभाने के लिए सरकार ने उठाए खास कदम
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार औद्योगिक विकास और विनिर्माण क्षेत्र को राहत देने वाली एमएसएमई नीतियों सहित राज्य सरकार की नीतियों ने निवेशकों को आकर्षित करने में योगदान दिया है। UP-GIS 2023 से पहले राज्य सरकार ने 25 क्षेत्रीय नीतियां तैयार की हैं।

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योगी सरकार टीम ने विदेश और देश में किए थे रोड शो
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के नेतृत्व में आठ टीमों को विदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय रोड शो आयोजित करने के लिए भेजा था। बाद में स्वयं CM योगी ने मुंबई में एक रोड शो का नेतृत्व किया और घरेलू रोड शो आयोजित करने के लिए सात अन्य प्रमुख शहरों में टीमें भेजीं। जिसका यूपी सरकार को काफी फायदा मिला और निवेश तय लक्ष्य से अधिक मिला। कुल मिलाकर जानकारी के अनुसार सरकार को अब तक रिकार्ड 21 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त हुए हैं।


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Content Editor

Prashant Tiwari

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