जेवर एयरपोर्ट के लिए चलेंगी हाइड्रोजन बसें, गंदे पानी से बने ईंधन पर दौड़ेंगी 600 KM...प्रदूषण के बदले निकलेगी भाप
punjabkesari.in Saturday, Nov 08, 2025 - 06:49 PM (IST)
Noida/Greator Noida: यमुना सिटी अब देश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल होने जा रही है, जहां हाइड्रोजन फ्यूल बसें सड़कों पर दौड़ेंगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) तक यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए तीन लग्जरी एसी हाइड्रोजन बसें चलाई जाएंगी। ये बसें एक बार ईंधन भरने पर 600 किलोमीटर तक सफर तय कर सकेंगी। इस परियोजना को यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) और नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) मिलकर संचालित करेंगे। योजना को बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है, और बस सेवा 15 नवंबर से शुरू होने की संभावना है।
45 सीटर लग्जरी बसें, सिर्फ भाप निकलेगी
एनटीपीसी की ओर से प्रस्तावित तीन बसें 45 सीटर लग्जरी एसी कोच होंगी। इनसे धुआं या प्रदूषक गैसें नहीं, बल्कि केवल पानी की भाप निकलेगी। यानी यात्रा होगी पूरी तरह ग्रीन और क्लीन। हाइड्रोजन फ्यूल एनटीपीसी के ग्रेटर नोएडा प्लांट में तैयार किया जाएगा — खास बात यह कि यह हाइड्रोजन शोधित गंदे पानी (treated wastewater) से बनाई जाएगी। यह पहल जल पुनर्चक्रण (water recycling) और स्वच्छ ऊर्जा दोनों की दिशा में बड़ा कदम है।
जिम्मेदारियां बंटीं, रखरखाव एनटीपीसी संभालेगा
एनटीपीसी इन बसों के ईंधन भरने और तकनीकी रखरखाव की जिम्मेदारी संभालेगा, जबकि ड्राइवर और कंडक्टर की नियुक्ति यमुना प्राधिकरण (YEIDA) की ओर से की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो भविष्य में और हाइड्रोजन बसें जोड़ी जाएंगी।
ग्रीन ट्रांसपोर्ट का मॉडल बनेगा यमुना सिटी
लेह-लद्दाख के बाद यमुना सिटी देश का दूसरा शहर होगा, जहां हाइड्रोजन बसें संचालित होंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न केवल कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद करेगा, बल्कि जेवर एयरपोर्ट के आसपास बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए शहर की हवा को स्वच्छ बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण में अहम योगदान
रिपोर्टों के मुताबिक, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ट्रैफिक प्रदूषण प्रमुख समस्या है। जेवर एयरपोर्ट के चालू होने के बाद वाहनों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफा होगा। ऐसे में हाइड्रोजन बसें शहर के ग्रीन ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का अहम हिस्सा बनेंगी।

