इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला: पत्नी की मर्जी के बिना अप्राकृतिक संबंध बनाना अपराध

punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 02:09 PM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि पत्नी की सहमति के बिना उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना भले ही दुष्कर्म की श्रेणी में न आता हो, लेकिन यह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 के तहत अपराध जरूर है। कोर्ट ने यह फैसला इमरान खान की याचिका को खारिज करते हुए दिया, जिस पर उसकी पत्नी ने 2023 में शिवकुटी थाने में दहेज उत्पीड़न, अप्राकृतिक यौन संबंध और अन्य आरोपों में एफआईआर दर्ज कराई थी।

इमरान ने ट्रायल कोर्ट के समन आदेश और पूरी कानूनी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी। उसके वकील का कहना था कि मामला देर से दर्ज किया गया और पति-पत्नी के बीच इस तरह के संबंध अपराध नहीं माने जा सकते। हालांकि, राज्य सरकार और पीड़िता के वकीलों ने विरोध करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया गंभीर मामला बनता है। अदालत ने भी इस दलील को मानते हुए साफ किया कि पति-पत्नी होने के बावजूद, यदि पत्नी की सहमति नहीं है तो ऐसा कृत्य आपराधिक माना जाएगा। इस आधार पर न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने याचिका खारिज कर दी और कहा कि मामला आगे चल सकता है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक फैसले में पत्नी द्वारा पति के खिलाफ अप्राकृतिक यौन शोषण के मामले में दर्ज कराई गई FIR को निरस्त कर दिया था।  कोर्ट ने फैसले में लिखा कि 'यदि एक वैध पत्नी विवाह के दौरान अपने पति के साथ रह रही है, तो किसी पुरुष द्वारा अपनी ही पत्नी (जो कि 15 साल से कम उम्र की न हो) के साथ कोई भी यौन कृत्य दुष्कर्म नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि 'विवाह के बाद पुरुष के पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध को दुष्कर्म नहीं माना जाएगा. खासकर पति-पत्नी के साथ रहने के दौरान पुरुष द्वारा कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता. ऐसे मामले में पत्नी की असहमति महत्वहीन हो जाती है। फिलहाल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले पर असहमती जताई और पत्नी की इच्छा के बिना अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना अपराध माना है। 


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Content Writer

Ramkesh

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