ई-कॉमर्स के विरोध में भारत बंद, यूपी व्यापारी नहीं बनेंगे हिस्सा, लेकिन दवा दुकानों पर लटके ताले

punjabkesari.in Friday, Sep 28, 2018 - 10:56 AM (IST)

नोएडाः ई-कॉमर्स वेबसाइट के कारोबार के खिलाफ शुक्रवार को भारत बंद बुलाया गया है। इस दौरान देशभर की सभी मेडिकल स्टोर भी बंद रहेंगे, लेकिन उत्तर प्रदेश के दवा व्यापारी शामिल नहीं होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले आश्वासन के बाद व्यापारियों ने यह फैसला लिया। तो वहीं केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन ऑफ यूपी ने प्रदेशभर में दवा की दुकानों को बंद रखने का फैसला लिया था।

वेस्ट यूपी में सभी मेडिकल स्टोर बंद
बता दें कि एक बड़ी अमेरिकी वेबसाइट के यूपी में काम शुरू करने से कारोबारियों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। जिसके चलते आज यानी शुक्रवार को नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर और मुरादाबाद समेत पूरे वेस्ट यूपी सभी मेडिकल स्टोर बंद हैं।

व्यापार मंडल ने की सीएम योगी से मुलाकात
इस बारे में फेडरेशन के अध्यक्ष गिरिराज रस्तोगी ने बताया कि ई-फार्मेसी के विरोध में प्रदेश की एक लाख 12 हजार थोक व फुटकर दुकानें बंद रहेंगी। इससे पहले गुरुवार रात यूपी आदर्श व्यापार मंडल के पांच सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें अपनी मांग पत्र सौंपी। इसके बाद सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनकी मांगों को खुद केंद्र सरकार तक पहुंचाएंगे। इसके बाद व्यापार मंडल ने बंद वापस ले लिया।

सरकार के भेदभाव पूर्वक रवैये के कारण भारत बंद-रस्तोगी
रस्तोगी कहा कि सरकार के भेदभाव पूर्वक रवैये की वजह से यह बंदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन दवाओं की बिक्री के लिए सरकार कड़ा फैसला ले। इसकी बिक्री पर रोक लगाई जानी चाहिए। इससे काम में समझौता नहीं है।

दुकानदारों को कारोबार ठप पड़ने का खतरा
वहीं, करोबारियों का कहना है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देकर सरकार छोटे व्यापारियों को खत्‍म करना चाहती है। खुदरा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई आने से व्‍यापारियों और दुकानदारों का कारोबार ठप पड़ने का खतरा बढ़ गया है। 


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Tamanna Bhardwaj

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