जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर? सर्वे रिपोर्ट तैयार, कल अदालत में पेश करेंगे एडवोकेट कमिश्नर
punjabkesari.in Sunday, Dec 08, 2024 - 08:47 AM (IST)
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने के दावे को लेकर अदालत में किए गए दावों के बाद मस्जिद में दो चरणों में सर्वे कराया गया था। इस सर्वे की रिपोर्ट 29 नवंबर को अदालत में पेश की जानी थी, लेकिन रिपोर्ट तैयार न हो पाने के कारण अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर को और समय दिया था। अब इस रिपोर्ट को सोमवार को सील बंद लिफाफे में अदालत में पेश किया जाएगा। इस दौरान अदालत के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी जाएगी।
भीड़ के दबाव के कारण सर्वे नहीं हुआ था पूरा
19 नवंबर को आठ लोगों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने अदालत में यह दावा किया था कि संभल की जामा मस्जिद पहले हरिहर मंदिर था। इसके बाद अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को दोनों पक्षों की मौजूदगी में मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था। पहले चरण का सर्वे 19 नवंबर को हुआ, लेकिन रात के समय और भीड़ के दबाव के कारण सर्वे पूरा नहीं हो सका।
सर्वे के दौरान हुई हिंसा
सर्वे के दूसरे दिन 24 नवंबर को जब सर्वे शुरू किया गया तो हिंसा भड़क गई। विरोध कर रहे लोगों ने जमकर पथराव किया, फायरिंग की और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में चार लोग मारे गए। इसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को तय की थी। हालांकि, रिपोर्ट तैयार न होने के कारण एडवोकेट कमिश्नर ने समय मांगा, और अदालत ने 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया। अब यह समय सोमवार को पूरा हो जाएगा और रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में अदालत में दाखिल की जाएगी।
मजिस्ट्रियल जांच और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया
मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान हुई हिंसा की मजिस्ट्रियल जांच भी चल रही है। इस सिलसिले में डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी ने बताया कि 30 नवंबर को सभी संबंधित अधिकारियों, जैसे कि सीओ संभल, एसडीएम, कोतवाल और उप निरीक्षक को बहजोई में अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था और अन्य कारणों से यह कार्रवाई स्थगित हो गई थी। अब, सोमवार को डिप्टी कलेक्टर जांच से जुड़े अधिकारियों और अन्य पक्षों के बयान दर्ज करेंगे। इसके साथ ही मृतकों के परिजनों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। हिंसा से जुड़ी सभी खबरों की कटिंग और अन्य जरूरी दस्तावेजों को भी जांच में शामिल किया जाएगा ताकि इस मामले की हर पहलू से गहराई से जांच की जा सके और हिंसा से जुड़े सभी तथ्यों को स्पष्ट किया जा सके।