Bharat bandh on 9th July: कल रहेगा ''भारत बंद'', 25 करोड़ कर्मचारी करेंगे हड़ताल; क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद? जानें बैंक और स्कूल खुलेंगे या नहीं.....
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 04:50 PM (IST)

UP Desk : 9 जुलाई, बुधवार को पूरे देश में एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन देखने को मिल सकता है। हड़ताल का असर बैंकिंग, बीमा, डाक सेवाएं, कोयला खनन, परिवहन, निर्माण और फैक्ट्री सेक्टर पर पड़ेगा, जिससे करोड़ों रुपये के आर्थिक नुकसान की आशंका जताई जा रही है। जहां एक ओर 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनें देशव्यापी हड़ताल पर जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर बिहार में विपक्षी महागठबंधन ने चक्का जाम का आह्वान किया है। करीब 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और ग्रामीण मजदूरों के सड़कों पर उतरने की संभावना है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर भारत बंद के दौरान क्या-क्या खुलेगा और क्या-क्या बंद रहेगा?
इन संगठनों ने बुलाया भारत बंद
*इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
*ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
*हिंद मजदूर सभा (HMS)
*सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU)
*ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC)
*ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC)
*सेल्फ एम्प्लॉयड वीमेन्स एसोसिएशन (SEWA)
*ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (AICCTU)
*लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF)
*यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC)
क्या-क्या रहेगा बंद?
देशव्यापी हड़ताल के दौरान कई जरूरी सेवाएं बंद रह सकती हैं, जिसका सीधा असर आपके ऊपर पड़ेगा। जैसे कि बैंकिंग सेवाएं, बीमा कंपनियों का काम, पोस्ट ऑफिस, कोयला खदानों का कामकाज, राज्य परिवहन सेवाएं (सरकारी बसें), हाईवे और कंस्ट्रक्शन का काम, सरकारी फैक्ट्रियों और कंपनियों का प्रोडक्शन।
क्या-क्या खुलेगा?
*निजी क्षेत्र की ज्यादातर कंपनियां काम करेंगी
*अस्पताल, मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं सामान्य रहने की उम्मीद
*निजी स्कूल/कॉलेज और ऑनलाइन सेवाएं।
क्या है हड़ताल पर जाने की वजह ?
देश के 10 बड़ी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का कहना है कि सरकार सिर्फ बड़े कॉरपोरेट्स के हित में काम कर रही है, जबकि आम आदमी की नौकरी, वेतन और सुविधाएं घटती जा रही हैं। साथ ही, सरकार लेबर कानूनों को कमजोर करके यूनियनों की ताकत खत्म करना चाहती है। सरकार की नीतियां कर्मचारियों और किसानों के भी खिलाफ हैं।
यूनियन की क्या हैं मांगें ?
*न्यूनतम मजदूरी 26,000 रूपये प्रति माह तय की जाए।
*पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल की जाए।
*ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना का विस्तार किया जाए।
*4 लेबर कोड वापस लिए जाएं
*सार्वजनिक क्षेत्र के उद्दमों का निजीकरण रोका जाए।