बृजभूषण सिंह मामले पर जयंत चौधरी की प्रतिक्रिया, बोले- युवा इस बार मामला रफा दफा नहीं होने देंगे!
punjabkesari.in Thursday, Jan 19, 2023 - 01:10 PM (IST)
लखनऊ: यूपी के गोंडा से कैसरगंज बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सांसद पर इतने गंभीर आरोप लगे हैं कि उनकी साख दांव पर लग चुकी है। बुधवार को कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुकीं स्टार महिला पहलवार विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने कोच समेत खुद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण (Women Wrestlers molestation) का आरोप लगा दिया। जिसके बाद इन आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि क्या कोई ऐसा है जो सामने से आकर कह सके कि फेडरेशन ने किसी एथलीट का उत्पीड़न किया है।
कुश्ती संघ के कार्यशैली और अध्यक्ष के विरुद्ध संगीन आरोप हैं। खिलाड़ी जोखिम लेकर सामने आए और खुल कर बता रहे हैं कैसे उनका शोषण हो रहा है।
— Jayant Singh (@jayantrld) January 19, 2023
कई बार ऐसा हुआ है जब बीजेपी के नेता पर आरोप लगते हैं तो सरकारी दबाव डाल मामला रफ़ा दफ़ा किया जाता है। लेकिन युवा इस बार नहीं होने देंगे!
इस पर आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए सवाल खड़े कर दिए हैं। जयंत चौधरी ने ट्वीट कर लिखा कि कुश्ती संघ के कार्यशैली और अध्यक्ष के विरुद्ध संगीन आरोप हैं। खिलाड़ी जोखिम लेकर सामने आए और खुल कर बता रहे हैं कैसे उनका शोषण हो रहा है। कई बार ऐसा हुआ है जब बीजेपी के नेता पर आरोप लगते हैं तो सरकारी दबाव डाल मामला रफ़ा दफ़ा किया जाता है। लेकिन युवा इस बार नहीं होने देंगे!
सांसद पर क्या हैं गंभीर आरोप?
विनेश फोगाट ने आरोप लगाते हुए कहा कि नेशनल कैंप में फेडरेशन के खास कोच महिला खिलाडियों का यौन शोषण करते हैं। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। अध्यक्ष भी कई महिला खिलाड़ियों का शोषण कर चुके हैं। लखनऊ में कैंप लगाया जाता है ताकि अपने घर में शोषण कर सकें, हमारी निजी जिंदगी में दखल देते हैं। बजरंग पुनिया ने कहा है कि कुश्ती को दलदल से बचाना चाहते हैं, खिलाड़ियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक दो दिन पहले नियम बनाए जाते हैं जो खिलाड़ियों पर थोप दिए जाते हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष ही कोच और रेफरी की भूमिका निभाते हैं, बुरा व्यवहार करते हैं। इतना ही नहीं प्रायोजक टाटा मोटर्स से मदद नहीं मिलती, खिलाड़ी असहाय महसूस करते हैं और शिकायत करने पर उल्टा खिलाड़ियों पर कार्रवाई की जाती है।