26 साल पुराने मिलावटी दूध मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला: दोषी दूधवाले को 3 साल की सजा और लगाया भारी जुर्माना
punjabkesari.in Sunday, Apr 06, 2025 - 01:03 PM (IST)

Barabanki News: उत्तर प्रदेश में बाराबंकी जिले की अदालत ने 26 साल पुराने मिलावटी दूध मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने दूध विक्रेता राजेश यादव को दोषी मानते हुए 3 साल की सजा और 3,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। इस मामले की जानकारी वरिष्ठ सहायक अभियोजन अधिकारी (SPO) अनार सिंह ने दी।
क्या था मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, यह घटना 26 सितंबर 1999 की है। उस दिन खाद्य निरीक्षक मोहित राम ने पुराने इनकम टैक्स ऑफिस के पास एक व्यक्ति से दूध का सैंपल लिया था। वह व्यक्ति साइकिल से दूध बेच रहा था और उसका नाम राजेश यादव था, जो नन्हकूपुर गांव का निवासी है। निरीक्षक ने 750 ग्राम दूध 9 रुपए में खरीदा और उसका सैंपल राज्य प्रयोगशाला, लखनऊ में जांच के लिए भेजा।
जांच में हुआ खुलासा
बताया जा रहा है कि लखनऊ की प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में यह दूध मिलावटी पाया गया। जांच में यह साफ हो गया कि दूध में मिलावट की गई थी, जो लोगों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकती थी। अदालत ने इसे "आर्थिक अपराध" की श्रेणी में रखा क्योंकि इसमें आम जनता के स्वास्थ्य और उनके पैसों के साथ धोखा हुआ था। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला लोगों की सेहत से जुड़ा है, इसलिए आरोपी को 'पहली बार अपराध' का लाभ देना ठीक नहीं होगा।
मिलावटी दूध की समस्या
ज्ञात हो कि भारत में मिलावटी दूध की समस्या कोई नई बात नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 68% से अधिक दूध मिलावटी होता है या गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं उतरता। खासकर ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में साइकिल या ठेले पर दूध बेचने वाले लोग कई बार पानी, सिंथेटिक दूध या डिटर्जेंट जैसी चीजें मिलाते हैं, जो सीधे लोगों की सेहत पर असर डालती हैं।
वहीं इस फैसले से यह भी साफ हो गया कि मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वालों को दंडित किया जा सके।