Kanpur News: जमीन की रजिस्ट्री कराने जा रहे तो ध्यान दें… अब नहीं चलेगा कैश, ₹20,000 से अधिक की फीस देनी होगी ऑनलाइन
punjabkesari.in Friday, Sep 19, 2025 - 11:27 PM (IST)

Kanpur News: अगर आप कानपुर में जमीन, मकान, फ्लैट या दुकान की रजिस्ट्री कराने जा रहे हैं तो नए नियमों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। अब से ₹20,000 से अधिक की रजिस्ट्री फीस नकद में स्वीकार नहीं की जाएगी। यह नियम 19 सितंबर 2025 से लागू कर दिया गया है। एआईजी (स्टांप) श्याम सिंह बिसेन ने जानकारी दी कि यह बदलाव डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। रजिस्ट्री के समय 20,000 रुपये तक की फीस तो नकद दी जा सकती है, लेकिन इससे अधिक राशि का भुगतान अब केवल ऑनलाइन मोड में ही मान्य होगा।
क्या है शुल्क का गणित?
शहरी क्षेत्रों में सर्किल रेट के आधार पर 7% स्टांप शुल्क और ग्रामीण क्षेत्रों (जैसे घाटमपुर, बिल्हौर, नरवल आदि) में 6% शुल्क लिया जाता है। इसके अलावा, कुल प्रॉपर्टी मूल्य पर 1% रजिस्ट्रेशन शुल्क भी देय होता है। अब तक लोग ये शुल्क नकद या अन्य माध्यमों से अदा कर सकते थे, लेकिन नई व्यवस्था के बाद बड़ा भुगतान केवल डिजिटल तरीके से ही हो सकेगा।
पारदर्शिता और सुविधा की दिशा में बड़ा कदम
प्रशासन के मुताबिक, इस निर्णय से लेन-देन में पारदर्शिता आएगी और नकद लेन-देन में होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लगेगी। इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और सुगम होगी। बिसेन ने बताया कि सभी उपनिबंधक कार्यालयों में यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। नागरिकों को इस बारे में सूचित और प्रशिक्षित करने के लिए एक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
छोटे लेन-देन में राहत, लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए तैयारी जरूरी
हालांकि आम लोगों को राहत देते हुए 20,000 रुपये तक की राशि नकद में स्वीकार की जा रही है, लेकिन अधिकांश रजिस्ट्रियों में शुल्क इससे कहीं अधिक होता है, ऐसे में लोगों को अब ऑनलाइन भुगतान प्रणाली अपनानी होगी। रजिस्ट्री कराने वाले नागरिकों से अपील की गई है कि वे डिजिटल पेमेंट के लिए तैयार रहें, और किसी भी असमंजस की स्थिति में स्थानीय रजिस्ट्री कार्यालय से संपर्क करें।
कानपुर में अब रजिस्ट्री होगी डिजिटल और पारदर्शी
प्रशासन का मानना है कि यह नई व्यवस्था कानपुर में रियल एस्टेट रजिस्ट्रेशन को आधुनिक, डिजिटल और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाएगी। खासकर उन मामलों में जहां लाखों का भुगतान होता है, अब कैश की जगह बैंकिंग माध्यमों से ट्रांजैक्शन अनिवार्य होने से लेन-देन के रिकॉर्डिंग और निगरानी में आसानी होगी।