कानपुर हिंसा के आरोपी बाबा बिरयानी के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश का भी मुकदमा दर्ज
punjabkesari.in Monday, Nov 21, 2022 - 11:30 PM (IST)

कानपुर: कानपुर में पिछली तीन जून को हुई हिंसा के लिए धन जुटाने के आरोप में गिरफ्तार मुख्तार उर्फ बाबा बिरयानी के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश के इल्जाम में भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
शत्रु संपत्ति से जुड़े फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने के आरोप
पुलिस उपायुक्त (मध्य) रवींद्र कुमार ने सोमवार को बताया कि मुख्तार के खिलाफ यह मुकदमा रविवार देर रात दर्ज किया गया। कानपुर हिंसा के लिए धन जुटाने के आरोपी मुख्तार के खिलाफ यह नया मुकदमा शत्रु संपत्ति से जुड़े फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने के आरोप में दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि सदर तहसील में तैनात लेखपाल विपिन कुमार की शिकायत पर दर्ज किए गए इस मुकदमे में मुख्तार की पत्नी गुलशन जहां, बेटियों नाज आयशा और अंजुम आरा, दामाद शाहिद आलम और परवेज तथा अन्य लोगों कामना बेगम, मेराज, इरशाद अहमद, इकबाल, इमरान अहमद, सूफिया तथा बैंक ऑफ बड़ौदा की किदवई नगर शाखा के तत्कालीन प्रबंधक को भी आरोपी बनाया गया है। विपिन कुमार ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि अभियुक्तों ने हीरामन पुरवा क्षेत्र में एक जमीन को गिरवी रख कर 1.66 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था जबकि वह जमीन पहले से ही शत्रु संपत्ति के तौर पर घोषित की जा चुकी है।
क्या है शत्रु संपत्ति वह जायदाद ?
बता दें कि शत्रु संपत्ति वह जायदाद होती है जिनके हिंदुस्तानी मालिकान ने चीन या पाकिस्तान के साथ भारत के युद्ध के बाद उसे छोड़कर इन मुल्कों की नागरिकता ले ली है। सरकार ने भारतीय रक्षा कानून 1962 के तहत ऐसी संपत्तियों को अपनी हिफाजत में ले लिया है। लेखपाल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि मुख्तार और उसके दामाद शाहिद आलम ने कर्ज लेने के लिए एक शत्रु संपत्ति समेत आठ संपत्तियों को गिरवी रखा था। बंधक पर कर्ज देने से पहले बैंक के अधिकारियों ने राजस्व विभाग और नगर निगम से रिपोर्ट नहीं मांगी। कुमार ने बताया कि यह भी एक आश्चर्यजनक बात है कि बैंक अधिकारियों ने कर्ज की अदायगी के बाद पिछली 25 अप्रैल को यह मामला निस्तारित करते हुए लोन अकाउंट बंद कर दिया था और जमीन के दस्तावेज शाहिद आलम को लौटा दिए थे।