केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पहुंचे मथुरा, बांके बिहारी के किये दर्शन

punjabkesari.in Thursday, Jul 21, 2022 - 08:40 AM (IST)

मथुराः केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बुधवार को कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे के साथ मथुरा पहुंचे। यहां उन्होंने वृंदावन के बांके बिहारी जी के दर्शन किए और पूजा अर्चना की। राज्पाल यहां कानपुर के भक्तों द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में सहभागिता करने पहुंचे थे। बता दें कि कानपुर के प्रभा सभा के भक्त मंडल द्वारा यहां फूल बंगले बनवाए गये थे। इसी को देखने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहमद खान यहां पहुंचे थे। यहां वो पूरी तरह भारतीय संस्कृति और भेषभूषा धोतीकुर्ता में नजर आए।

फूल बंगले को देख हुए मंत्र मुग्ध
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान काफिले के साथ बांके बिहारी मंदिर में मुख्य द्वार 1 नंबर गेट से प्रवेश किया। यहां कारीगरों द्वारा बनाए जा रहे आकर्षक फूल बंगले को देख वह मंत्र मुग्ध हो गए । कारीगरों द्वारा की गई कारीगरी की उन्होंने खूब तारीफ की। गौरतलब है कि बांके बिहारी मंदिर में 108 दिन गर्मी से भगवान को राहत देने के लिए फूल बंगले बनाए जाते हैं।

कानपुर से पुराना नाता- राज्यपाल
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बताया कि कानपुर से वह चुनाव लड़ते रहे हैं । यहां के लोगों से उनका पुराना संबंध है। आयोजक ने फूल बंगला बनवाया उन्होंने आमंत्रण दिया जिसे मैंने स्वीकार करते हुए कहा कि कार्यक्रम में सहभागिता हो जायेगी और दर्शन भी हो जायेंगे इस लिए यहां चला आया।

इस्लामिक कंट्री बनाने के सवाल पर बोले
पीएफआई के डॉक्यूमेंट पर बोले बुखार तेज होता है तो लोग बकते  हैं पीएफआई के वायरल डॉक्यूमेंट 2047 में इस्लामिक कंट्री बनाने के सवाल पर कहा की इसमें क्या नई बात है किसी को बुखार जब तेज होता है तो वह बक बक करता है। किसी को बक बक करने में कोई पाबंदी थोड़े है। आजाद देश है इन लोगों को जितना ज्यादा अटेंशन दोगे उतना उनकी मदद करोगे इनको इग्नोर करना चाहिए। मुस्लिम समाज की तरफ से कहा जा रहा कि अलग तरह का माहौल बना हुआ है। इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कोई अलग तरह का माहौल नहीं सब ठीक है। चंद पॉकेट हमेशा थे और है 1947 में इस देश का बंटवारा हुआ है। अलगावादी सोच के बहुत से लोग हैं वह खत्म नहीं हुए, बंटवारा होने के बावजूद भी कोई संदेश जुबानी नहीं होता।

मेरा आचरण ही मेरा संदेश-राज्यपाल
मीडिया से रूबरू होने के दौरान राज्यपाल ने कहा कि वह पिछले हफ्ते तिरुपति गय थे। केरला के मंदिर गये, कानपुर से जब सांसद थे वहां का कोई मंदिर नहीं बचा। धर्म की दीवार खड़ी करने वालों को कोई संदेश जुबानी नहीं दिया जा सकता। आचरण से दिया जाता है, मेरा आचरण ही मेरा संदेश है।

 

 


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Content Writer

Ajay kumar

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