कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने बताया कैसे बनेगा UP 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था

punjabkesari.in Saturday, Oct 29, 2022 - 10:05 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर बनाने के विषय पर पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर एवं अंतररष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने शनिवार को उपाय सुझाये।       

2027 तक UP की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डालर बनाने का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में हुयी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में सुब्रमण्यम ने इस विषय पर प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अहम सुझाव दिये। इससे पहले बैठक में मुख्य सचिव मिश्र ने कहा कि वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डालर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश के समग्र विकास के लिए 10 सेक्टरों को चिन्हित किया गया है। हर सेक्टर के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्ययोजना तय की गई है। कार्ययोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सतत निगरानी भी की जा रही है।       

विकास की गति जितनी तेज होगी, प्रदेश का विकास उतनी शीघ्रता से होगा
उन्होंने कहा कि मूलभूत ढांचागत सुविधाओं के विकास की गति जितनी तेज होगी, प्रदेश का विकास उतनी शीघ्रता से होगा, निवेश के लिए प्रदेश में बड़े उद्योग आकर्षित होंगे, जिससे लोगों को रोजगार के नवीन अवसर मिलेंगे। मिश्र ने कहा कि कनेक्टिविटी के लिहाज से बीते 05 वर्ष में बड़ा सुधार हुआ है। आज यहां 05 एक्सप्रेसवे बन रहे हैं, 09 एयरपोर्ट शुरू हो चुके हैं। पहला इन लैंड वाटर-वे वाराणसी से हल्दिया तक संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि उप्र को 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विनिर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।       

उप्र को दुनिया का डाटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग हब बनने का लक्ष्य
बैठक में सुब्रमण्यम ने कहा कि चिन्हित सभी परिद्दश्यों में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी काफी हद तक सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पहले से ही भारत में चमड़ा, खिलौने और कपड़ा निर्यात का एक प्रमुख केंद्र है। उत्तर प्रदेश मुख्य रूप से यूरोप और अमेरिका के वैश्विक रक्षा निर्यात को अपने आधिपत्य में कर सकता है। उन्होंने बताया कि भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था प्रगति की ओर अग्रसर है। ‘ग्लोबल एंड टेक माकेर्ट' में भारत का प्रमुख स्थान होने जा रहा है। उप्र को दुनिया का डाटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग हब बनने का लक्ष्य रखना चाहिए और नई औद्योगिक नीति में डाटा तथा डिजिटल स्टाटर्-अप से संबंधित व्यवसायों और डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता देनी चाहिये। स्टाटर्अप के लिए व्यवसाय करने में आसान टेम्पलेट की आवश्यकता है। किसी भी उद्यम को स्टाटर्अप के रूप में पहचाना जाना चाहिए और परेशानी मुक्त व्यवसाय प्रदान करना चाहिए।       

उन्होंने अर्थशास्त्री ब्लैंकार्ड का उदाहरण देते हुये कहा कि यदि सरकार द्वारा भुगतान की जाने वाली ब्याज दर विकास दर से कम है, तो सरकार के सामने आने वाली इंटरटेम्पोरल बजट बाधा अब बाध्य नहीं होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्टाटर् अप्स के लिये ब्याज पर वित्त पोषण प्रदान करने से नवाचार और प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन मिलेगा। आईटी, पर्यटन, एमएसएमई, कृषि, शिक्षा, फूड प्रोसेसिंग जैसे विभिन्न सेक्टरों में विशेष ध्यान केन्द्रित कर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी जा सकती है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिये कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार सहित अन्य विभागों के प्रमुख मौजूद थे।


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Content Writer

Mamta Yadav

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