Lok Sabha Elections 2024: बदायूं लोकसभा सीट पर कौन है किस पर भारी, जानिए समीकरण
punjabkesari.in Friday, May 03, 2024 - 05:26 PM (IST)
लखनऊ: बदायूं लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है जहां समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के दुर्विजय सिंह शाक्य से है। बदायूं में भले ही चुनाव में आदित्य खड़े हैं, लेकिन उनके पिता और इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट से छह बार के विधायक शिवपाल की प्रतिष्ठा बदायूं में दांव पर लगी है। वर्ष 2014 में यह सीट सपा ने जीती थी। भाजपा ने 2019 में यह सीट सपा से छीन ली थी। इस बार भाजपा जहां इस पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए प्रयासरत है तो वहीं दूसरी ओर सपा इसे वापस हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
तीसरे चरण में बदायूं में सात मई को मतदान होगा
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बदायूं में सात मई को मतदान होगा। यहां चुनाव में 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। बृहस्पतिवार को यहां केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चुनावी रैलियां हुईं। मतदाताओं को लगता है कि चुनावी जंग आगे और तेज होगी। बदायूं के निवासी और बैंक से सेवानिवृत्त मनोज जौहरी ने कहा कि अमित शाह और अखिलेश यादव की रैलियां हुईं जिसके बाद चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। चुनाव में चार दिन बचे रहने से मुकाबला हर दिन तेज होता जा रहा है।” शहर में प्रॉपर्टी खरीदने बेचने का काम करने वाले अशोक कपूर को लगता है कि इस चुनाव में भाजपा फायदे में है। उन्होंने कहा,‘‘ यहां यादव मतदाता, मुस्लिम मतदाता और दलित मतदाता हैं। लेकिन मुझे लगता है कि इन चुनावों में मुख्य चेहरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं।
सपा और भाजपा के बीच टक्कर
उन्होंने कहा कि भाजपा का पलड़ा इसलिए भारी है क्योंकि अपराध पर बहुत हद तक लगाम लगी है, विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंच रहा है औऱ कुछ मुस्लिम मित्रों का भी कहना है कि वे नरेन्द्र मोदी के पक्ष में मतदान करेंगे। रेलवे स्टेशन रोड पर खानपान की दुकान चलाने वाले सुनील कश्यप ने कहा कि भाजपा और सपा के बीच कड़ा मुकाबला है और दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के दौरे के साथ यह सरगर्मी बढ़ेगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सपा के ऊपर भाजपा की थोड़ी बढ़त है। हालांकि, वास्तविक परिणाम चार जून को ही पता चल सकेगा।'' शहर के इंदिरा चौक में मिठाई की दुकान चलाने वाले मोहम्मद शकील के अनुसार, भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला है और दोनों पार्टियों के नेता मतदाताओं तक पहुंचने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
मुस्लिम यादव समीकरण रहा प्रभावी
बदायूं के किसान शशांक यादव को लगता है कि मौजूदा समय में भाजपा के मुकाबले सपा मजबूत स्थिति में है। उन्होंने कहा, ‘‘माहौल सपा उम्मीदवार के पक्ष में लगता है। सपा यहां से कई बार जीती है और 2019 में ही भाजपा उम्मीदवार (संघमित्रा मौर्य) ने चुनाव जीता। पारंपरिक एमवाई (मुस्लिम यादव) समीकरण मजबूत है और सपा के पक्ष में है।'' एक अन्य किसान राजेन्द्र सिंह को लगता है कि किसानों से जुड़े मुद्दे जैसे गन्ना बकाया का भुगतान, आवारा पशुओं की समस्या, एमएसपी आदि इस चुनावी परिदृश्य में भारी हैं। ‘‘इसके अलावा, बदायूं के लोग चाहते हैं कि शहर में स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं बेहतर होनी चाहिए। इन मुद्दों को लेकर सपा की भाजपा पर बढ़त लगती है।'' बदायूं में एक निजी प्राथमिक विद्यालय चलाने वाले आमिर सुल्तानी को लगता है कि नफरत हारेगी, और मोहब्बत जीतेगी।
उन्होंने कहा ‘‘मौजूदा सांसद का लोगों के साथ बहुत कम मेलजोल है और अब समय आ गया है कि मोहब्बत बढ़े।'' एक अन्य मतदाता सचिन भारद्वाज को लगता है कि बदायूं लोकसभा क्षेत्र को डबल इंजन की सरकार से कोई खास लाभ नहीं हुआ। उन्होंने कहा ‘‘सपा के भीतर भी विवाद है, लेकिन धर्मेन्द्र यादव ने कई अच्छे काम किए हैं और लोग उनके व्यवहार को पसंद करते हैं। भाजपा के उम्मीदवार खुद को लोगों के सामने उम्मीदवार के रूप में पेश करने में असमर्थ हैं।'' दवा की दुकान चलाने वाले सुरजीव गुप्ता को लगता है कि भाजपा अच्छा शासन कर रही है और बदायूं लोकसभा क्षेत्र में वह अच्छी स्थिति में है। ‘‘लेकिन मौजूदा सांसद ने बदायूं और यहां के लोगों के लिए काम नहीं किया।'' बदायूं लोकसभा क्षेत्र में 20.07 लाख मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।