Loksabha Election 2024: अकबरपुर लोकसभा सीट का इतिहास, जानिए कब किसने किसको दी मात ?

punjabkesari.in Wednesday, Apr 03, 2024 - 06:26 PM (IST)

Loksabha Election 2024: प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक है अकबरपुर लोकसभा सीट। अकबरपुर लोकसभा सीट को ही कानपुर देहात सीट कहा जाता है। यह लोकसभा सीट साल 2009 में अस्तित्व में आई है। इससे पहले यह सीट बिल्हौर लोकसभा सीट के तहत आती थी। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राजाराम पाल यहां से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते बीजेपी के देवेंद्र सिंह ने कांग्रेस से ये सीट छीन ली और बीते एक दशक से इस सीट पर काबिज है।
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अकबरपुर सीट 2009 से पहले बिल्हौर संसदीय सीट के रूप में जानी जाती थी। बिल्हौर सीट पर 1957 से 1971 तक कांग्रेस का कब्जा रहा। लेकिन 1977 में भारतीय लोकदल के रामगोपाल सिंह यादव ने यहां से चुनाव जीता। वहीं 1980 में कांग्रेस के राम नारायण त्रिपाठी और 1984 में कांग्रेस के जगदीश अवस्थी ने इस सीट पर जीत हासिल की। कांग्रेस से बगावत करने के बाद 1989 में अरुण नेहरू को जनता दल ने यहां से चुनाव लड़ाया और अरुण ये चुनाव जीत गए। इसके बाद 1991 में बीजेपी के श्याम बिहारी मिश्र 1999 तक लगातार यहां से सांसद रहे। 2004 के चुनाव में बसपा के राजा रामपाल चुनाव जीते लेकिन 2007 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया। इसके बाद 2007 में हुए उपचुनाव में बसपा के अनुज शुक्ला वारसी सांसद बने, इसके बाद ये सीट अकबरपुर लोकसभा सीट बन गई।

अकबरपुर के तहत कुल पांच विधानसभा
अकबरपुर लोकसभा सीट के तहत कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं इनमें अकबरपुर-रनियां, बिठूर, कानपुर देहात में जबकि कल्याणपुर, महाराजपुर और घाटमपुर विधानसभा सीटें कानपुर नगर में आती हैं। घाटमपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 
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2022 के विधानसभा चुनाव में इनमें से चार सीटों पर बीजेपी का कब्जा है जबकि घाटमपुर सीट पर एनडीए गठबंधन के सहयोगी दल अपना दल का कब्जा है। 

2019 में हुए लोकसभा चुनाव के मतदाताओं की संख्या पर
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साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 30 हजार 947 थी। जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 44 हज़ार 240 थी। जबकि महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 86 हज़ार 590 थी। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 117 रही। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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अकबरपुर लोकसभा सीट पर 2019 में बीजेपी के देवेंद्र सिंह ने बसपा के निशा सचान को हराया, देवेंद्र सिंह को कुल 5 लाख 81 हज़ार 282 वोट मिले थे।जबकि बसपा के निशा सचान को कुल 3 लाख 6 हजार 140 वोट मिले, वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के राजाराम पाल रहे। जिन्हें 1 लाख 8  हज़ार 341 वोट मिले थे।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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अब एक नजर साल 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो। साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी के देवेंद्र सिंह ने बसपा के अनिल शुक्ला वारसी को हराया था। देवेंद्र सिंह को कुल 4 लाख 81 हजार 584 वोट मिले थे। जबकि बसपा के अनिल शुक्ला वारसी को कुल 2 लाख 2 हज़ार 587 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर सपा के लाल सिंह तोमर रहे। लाल सिंह तोमर को 1 लाख 47 हजार 2 वोट मिले थे। 

एक नजर लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजों पर
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परिसीमन के बाद बिल्हौर से अकबरपुर लोकसभा सीट में जब पहली चुनाव हुए तो यहां कांग्रेस के राजाराम पाल ने जीत दर्ज की थी। राजा राम पाल ने बसपा के अनिल शुक्ला वारसी को चुनाव हराया था। राजारामपाल को कुल 1 लाख 92 हज़ार 549 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा के अनिल शुक्ला को 1 लाख 60 हज़ार 506 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के अरुण कुमार तिवारी रहे। जिन्हें कुल 1 लाख 36 हज़ार 907 वोट मिले थे। 

उत्तर प्रदेश के 44 वीं लोकसभा कही जाने वाली अकबरपुर लोकसभा 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और 2009 से अकबरपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र में गिनी जाने लगी। इससे पहले ये क्षेत्र बिल्हौर लोकसभा के नाम से जाना जाता था बात अगर इस सीट पर जातीय समीकरण की करें, तो इस क्षेत्र में हर बिरादरी के वोटर्स रहते हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में सामान्य, ओबीसी ,अल्पसंख्यक और एससी मतदाताओं की भूमिका अहम बताई जाती है। और ये ही मतदाता लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी और पार्टी के लिए सबसे बड़ा केंद्र रहता है। इसलिए ज्यादातर पार्टी ओबीसी और  एससी मतदाता पर अपना ध्यान लगाती है। वहीं अब बात 2024 के लोकसभा चुनाव की करें तो इस बार बीजेपी ने फिर से  देवेंद्र सिंह पर भरोसा जताया है..जबकि सपा ने राजा राम पाल को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा से राजेश द्वीवेदी मैदान में हैं।


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Content Editor

Imran

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