Loksabha Election 2024: बहराइच लोकसभा सीट का इतिहास, दलित क्षत्रपों में तकरार…कांटे का मुकाबला इस बार ?

punjabkesari.in Sunday, Apr 07, 2024 - 03:12 PM (IST)

BahraichLoksabha: उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक बहराइच लोकसभा सीट है। इसको यूपी के ऐतिहासिक शहरों में गिना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह धरती भगवान ब्रह्मा की राजधानी और ब्रह्मांड के निर्माता के रूप में प्रसिद्ध थी।  इसे गंधर्व वन के हिस्से के रूप में भी जाना जाता था। मान्यता है कि ब्रह्मा ने यहां के वन क्षेत्र को ऋषियों और साधुओं की पूजा और तपस्या के लिए विकसित किया था। इसलिए इसे 'ब्रह्माच' भी कहा जाता है अगर बहराइच लोकसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की करें, तो आजादी के बाद साल 1952 में हुए पहले आम चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के रफी अहमद किदवई ने जीत हासिल की थी।  वहीं साल 1957 में कांग्रेस के ही जोगिंदर सिंह जीते, लेकिन साल 1962 में स्वतंत्र पार्टी राम सिंह ने जीत दर्ज कर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था।  इसके बाद साल 1967 का चुनाव जनसंघ से केके नायर ने जीता था,  हालांकि साल 1971 में कांग्रेस ने यहां जीत हासिल कर वापसी की और बदलू राम शुक्ला सांसद बने थे। साल 1977 में जनता पार्टी के ओम प्रकाश त्यागी ने मैदान मारा था। 

PunjabKesari

लेकिन साल 1980 में कांग्रेस के मुजफ्फर हुसैन चुनावी जीते थे,  जबकि साल 1984 में आरिफ मोहम्मद खान कांग्रेस के टिकट पर ही संसद पहुंचे थे,  लेकिन साल 1989 के अगले चुनाव में आरिफ मोहम्मद खान पाला बदलकर जनता दल में चले गए और दोबारा सांसद चुने गए थे, इस सीट पर बीजेपी का खाता साल 1991 में खुला था, इस चुनाव में रुद्रसेन चौधरी ने कमल खिलाया था। इसके बाद साल 1996 में पदमसेन चौधरी बीजेपी के ही सांसद चुने गए थे, लेकिन साल 1998 में दो बार के सांसद रहे आरिफ मोहम्मद खान बसपा के सिंबल पर चुनाव लड़कर फिर से संसद पहुंचे थे, आरिफ की इस जीत के साथ ही बहराइच में बसपा का खाता भी खुल गया था।हालांकि अगले ही साल हुए 1999 के चुनाव में फिर से बीजेपी के पदमसेन चौधरी ने बाजी मार ली थी।  साल 2004 में सपा की रुबाब सईदा सांसद बनी थीं। इसके बाद यह सीट परिसीमन में एससी वर्ग के लिए आरक्षित कर दी गई थी। साल 2009 का चुनाव आरक्षित सीट पर हुआ था और कांग्रेस के कमल किशोर सांसद चुने गए थे। साल 2014 के चुनाव में बीजेपी की सावित्री बाई फुले जीती थी, जबकि साल 2019 का पिछला चुनाव बीजेपी के ही अक्षयबर लाल जीतकर यहां संसद पहुंचे थे। 

आपको बता दें कि बहराइच संसदीय सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें आती हैं।  जिनमें बलहा सुरक्षित, नानपारा, मटेरा, महासी और बहराइच शामिल है। 

PunjabKesari

साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बहराइच लोकसभा क्षेत्र की तीन सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है, जबकि एक सीट नानपारा पर उसकी सहयोगी अपना दल और मटेरा में समाजवादी पार्टी की विधायक चुनी गई है। वहीं बलहा सुरक्षित, महासी और बहराइच पर बीजेपी के विधायक हैं। गर बात मतदाताओं की करें, तो बहराइच लोकसभा सीट पर कुल वोटर की संख्या 17 लाख 13 हजार 390 है।  जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 11 हजार 553 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 1 हजार 716 है। वहीं ट्रांसजेंडर के कुल 121 मतदाता शामिल हैं। 

आइए एक नजर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर डालते हैं

PunjabKesari

आइए एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं

बहराइच सीट पर साल 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी जीती थी, बीजेपी के अक्षयबर लाल ने सपा के शब्बीर अहमद वाल्मीकि को सवा लाख वोटों के अंतर से हराया था।  अक्षयबर लाल को कुल 5 लाख 25 हजार 982 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे शब्बीर अहमद वाल्मीकि को 3 लाख 97 हजार 230 मत मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस की सावित्री बाई फूले रही थी। सावित्री बाई फुले को केवल एक लाख 34 हजार 454 वोट पड़े थे।  
PunjabKesari

आइए एक नजर साल 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं
PunjabKesari
बता दें कि बहराइच सीट पर साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सावित्री बाई फुले ने जीत दर्ज की थी।  सावित्री बाई फुले ने सपा के शब्बीर अहमद वाल्मीकि को करीब 95 हजार वोटों से हराया था।  सावित्री बाई फुले को 4 लाख 32 हजार 392 वोट मिले थे, जबकि सपा के शब्बीर अहमद वाल्मीकि 3 लाख 36 हजार 747 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं बसपा के विजय कुमार को महज 96 हजार 904 वोट पड़े थे और वो तीसरे नंबर पर रहे थे। 

आइए एक नजर साल 2009 के लोकसभा चुनाव नतीजों पर डालते हैं

PunjabKesari

अगर बात साल 2009 के लोकसभा चुनाव की करें, तो इस सीट पर कांग्रेस के कमल किशोर करीब 38 हजार वोटों के अंतर से जीते थे। कमल किशोर को 1 लाख 60 हजार 5 वोट हासिल हुए थे, जबकि बसपा के लाल मणि प्रसाद 1 लाख 21 हजार 52 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं सपा के शब्बीर अहमद वाल्मीकि 1 लाख 20 हजार 791 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर थे

आइए एक नजर साल 2004 के लोकसभा चुनाव नतीजों पर डालते हैं

PunjabKesari
अगर बात साल 2004 के लोकसभा चुनाव की करें, तो बहराइच सीट पर सपा की रूबाब सईदा ने सांसद चुनी गई थी।  रूबाब सईदा को कुल 1 लाख 88 हजार 949 वोट मिले थे, जबकि बसपा के भगत राम मिश्रा 1 लाख 62 हजार 615 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे, वहीं बीजेपी के पदमसेन चौधरी तीसरे स्थान पर थे। पदमसेन को कुल 1 लाख 43 हजार 780 वोट मिले थे। 

गौतलब है कि आजादी के बाद इस सीट पर पहला चुनाव कांग्रेस जीती थी। अब तक कुल 17 बार यहां पर चुनाव हुए हैं। जिनमें कांग्रेस ने इस सीट पर सबसे अधिक छह बार जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी को यहां पर पांच बार सफलता मिली है। वहीं स्वतंत्र पार्टी, जनसंघ, जनता पार्टी, जनता दल, बसपा और सपा का इस सीट पर 1-1 बार सांसद चुना गया है। अब तक बहराइच लोकसभा सीट पर कोई दल या सांसद जीत की हैट्रिक नहीं बना पाया है। अगर बात पिछले दो आम चुनाव की करें, तो बहराइच सीट पर बीजेपी काबिज है। दोनों चुनाव में यहां पर कमल खिलाने में बीजेपी प्रत्याशी कामयाब रहे हैं, लेकिन दोनों बार बीजेपी ने प्रत्याशी में बदलाव किया है,  इसलिए इस बार बीजेपी के पास लगातार तीसरे जीत दर्ज करने का मौका है। यह लोकसभा क्षेत्र दलित, कुर्मी, ओबीसी और मुस्लिम बहुल है, हालांकि सवर्ण बिरादरी के मतदाता भी यहां पर निर्णायक हैं। मोदी लहर में प्रत्याशी सजातीय, सवर्ण और ओबीसी वोटों के दम पर इस सीट पर पिछले दो चुनाव में बीजेपी ने बाजी मारी है।  आम चुनाव 2024 की जंग में बहराइच सुरक्षित सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर अपना उम्मीदवार बदला है।  बीजेपी ने इस बार मौजूदा सांसद अक्षयवर लाल गोंड के बेटे आनंद गोंड को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर 2014 से बीजेपी का चुनाव में उम्मीदवार बदलने का इतिहास है।  सपा ने पूर्व विधायक रमेश गौतम को यहां पर मैदान में उतारा है... क्षेत्र में रमेश गौतम की छवि और पकड़ अच्छी मानी जाती है।  सपा की कोशिश एससी बहुल सीटों पर दलित मतदाताओं का अपने पाले में करने की है... जबकि इस सीट पर अभी बसपा ने प्रत्याशी को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले है,  लेकिन यूपी का जो सियासी माहौल बना है उससे उम्मीद है कि इस बार यहां पर मुकाबला एक तरफा नहीं बल्कि त्रिकोणीय होगा। 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Recommended News

Related News

static