लखनऊः अखिलेश यादव को तीसरी बार चुना गया पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, महासचिव रामगोपाल यादव ने किया ऐलान
punjabkesari.in Thursday, Sep 29, 2022 - 12:48 PM (IST)
लखनऊः उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आज समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। वह तीसरी बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए उनके नाम की घोषणा महासचिव रामगोपाल यादव ने की है। अखिलेश यादव को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। बता दें कि अखिलेश यादव के अलावा किसी अन्य के नाम का प्रस्ताव नहीं आया है। सपा का यह राष्ट्रीय सम्मेलन रमाबाई अंबेडकर मैदान में आयोजित किया गया था। जिसमें सपा के नेताओं का जोश दिखाई दिया है। यह सम्मेलन लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की एक रणनीति है, जिसको आज अंतिम रूप दिया गया है।
बता दें कि यह सम्मेलन सपा का 11 वां राष्ट्रीय सम्मेलन है और इस सम्मेलन को सपा के अब तक हुए सम्मेलनों में से कई मायने में अलग बनाने की रणनीति तैयार की गई है। इसके लिए पार्टी की ओर से किए गए मेट्रो, रिवर फ्रंट, एक्सप्रेस वे सहित अन्य ऐतिहासिक कार्यों से संबंधित होर्डिंग भी लगाई गई हैं। इसी तरह समाजवादी पार्टी की ओर से जनहित से जुड़े सामाजिक सरोकार के फैसले को भी प्रस्तुत किया गया है।
लगातार तीसरी बार पार्टी के अध्यक्ष चुने गए अखिलेश
राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को ही लगातार तीसरी बार पार्टी अध्यक्ष चुने जाने की प्रबल संभावना थी। पार्टी में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव से गतिरोध के कारण पार्टी के झंडे और चुनाव निशान को लेकर अदालती लड़ाई जीतने के बाद अखिलेश यादव को एक जनवरी 2017 को आपात राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर पहली बार पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के स्थान पर दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद अक्टूबर 2017 में आगरा में हुए विधिवत राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें एक बार फिर सर्वसम्मति से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। उस वक्त पार्टी के संविधान में बदलाव कर अध्यक्ष के कार्यकाल को तीन साल से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया था। अक्टूबर 1992 में गठित सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अब तक यादव परिवार का ही कब्जा रहा है।
अखिलेश यादव के सामने होगी बड़ी चुनौतियां
अखिलेश से पहले मुलायम सिंह यादव ही पार्टी के अध्यक्ष रहे। सपा का यह राष्ट्रीय अधिवेशन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की लगातार चुनावी शिकस्तों के बाद आयोजित हो रहा है। प्रदेश के हर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जोरदार तैयारियों को देखते हुए अखिलेश के सामने अब चुनौतियां पहले से भी अधिक होंगी। उनके सामने आगामी नवंबर- दिसंबर में संभावित नगर निकाय के चुनाव और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व को पिछली गलतियों से सीख लेते हुए संगठन को नए सिरे से सक्रिय करते हुए उसमें नयी ऊर्जा भरनी होगी।
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