वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने वाले मदरसे में अरब से फंडिंग, देश भर की लड़कियां करती हैं पढ़ाई...जांच में खुले कई राज
punjabkesari.in Sunday, Oct 26, 2025 - 05:45 PM (IST)
मुरादाबाद: यूपी के मुरादाबाद जिले में वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने वाला मदरसा चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ ही दिन पहले इस मदरसे में एक परिजन अपने 13 साल की बच्ची का दुबारा एडमिशन कराने के लिए गए थे, लेकिन वहां पर उनके बच्ची का वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांग लिया गया था।
मदरसे की प्रिंसिपल रहनुमा और एडमिशन इंचार्ज का दायित्व संभाल रहे मौलाना शाहजहां ने इस वर्जिनिटी सर्टिफिकेट के मुद्दे पर कहा कि “मुझे सूचना मिली कि छात्रा के अपने पिता के साथ अवैध संबंध बन गए हैं। इसलिए उसे मदरसे में री-एंट्री से पहले अपने वर्जिन होने का सबूत देना होगा।“
अब विस्तार से जानिए पूरा मामला?
जिस छात्रा का एडमिशन कराना था वह 13 साल की है और वह चंडीगढ़ की रहने वाली है। वह इस मदरसे में कक्षा 7वीं थी लेकिन अब नए सत्र में उसे 8वीं में जाना था। अगस्त महीने में वो छुट्टी लेकर अपने पिता के घर चंडीगढ़ गई थी। इसी दरम्यान लड़की की मां अपनी बीमार मां का हालचाल लेने प्रयागराज चली गई। इस वजह से छात्रा अपने पिता के साथ घर पर अकेली रही थी। छुट्टी के बाद लौटी तो मदरसा प्रबंधन ने ये अजीबोगरीब और वाहियात शर्त रख दी।
छात्रा की मौसी ने किया था कॉल
मदरसा प्रबंधन का दावा है कि खुद को छात्रा की मौसी बताने वाली एक महिला ने कॉल करके कहा था कि छात्रा अपने पिता के साथ घर पर अकेली रही। इस दौरान उसके अपने पिता से संबंध बन गए। इसी बेस पर उसका वर्जिनिटी टेस्ट मांगा गया था।
मौलाना गया जेल
फिलहाल इस मामले में कार्ऱवाई करते हुए पुलिस ने एक मौलाना को जेल भेज दिया है और मामले में छानबीन कर रही है। वहीं, मुकदमे में नामजद मदरसे की प्रिंसिपल रहनुमा की पुलिस को तलाश है। पता चला है कि अभी 9 दिन पहले ही रहनुमा ने एक बच्चे को जन्म दिया है। इसलिए पुलिस इस मामले में उसकी गिरफ्तारी से पहले के कानूनी पहलुओं पर विधिक राय ले रही है। मामले में मदरसा प्रबंधन के कई अन्य लोगों की भी पुलिस को तलाश है।
37 साल पुराना मदरसा मुरादाबाद में
मुरादाबाद में दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे के पास स्थित जामिया एहसानुल बनात इंटर कॉलेज करीब 37 साल से छात्राओं की शिक्षा और परवरिश का काम कर रहा है। मदरसा अरब देशों से मिलने वाली जकात की मदद से चलता है और छात्राओं के लिए परिसर में ही हॉस्टल की सुविधा है।
विदेश से आता है पैसा
मुरादाबाद से लगभग 7 किलोमीटर दूर सीएनजी पंप के पास फैले इस मदरसे का परिसर लगभग 100 बीघा में विस्तृत है। यहां पढ़ने वाली छात्राएं अपने शिक्षा काल के दौरान हॉस्टल में ही रहती हैं और केवल एक कक्षा पास करने के बाद 15 दिन के लिए घर जा सकती हैं।
मदरसे की स्थापना करीब 37 साल पहले शम्सी फैमिली ने की थी। इसके संस्थापक मोहम्मद अख्तर शम्सी और गजाला अख्तर शम्सी हैं, जो मूलरूप से हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट के व्यवसाय से जुड़े हैं। फैमिली की पैरामाउंट एक्सपोर्टर्स कंपनी भी इस क्षेत्र में जानी जाती है।

