महाकुंभ 2025 ने प्रयागराज का किया कायाकल्प: सीएम योगी
punjabkesari.in Tuesday, Mar 11, 2025 - 03:38 PM (IST)

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि महाकुम्भ का आयोजन प्रयागराज जैसे शहर के विकास को बढ़ाने में काफी सफल रहा है। कभी माफियाराज के चंगुल में फंसे प्रयागराज का महाकुंभ के कारण कायाकल्प हो गया है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक निजी चैनल के कॉनक्लेव में पहुंचे योगी ने यहां सफाई कर्मचारियों का सम्मान किया और उन पर पुष्पवर्षा की। उन्होने सफाई कर्मचारियों को नींव का पत्थर बताते हुए कहा कि इन्होंने स्वच्छ कुम्भ के संदेश को साकार किया है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ ने आस्था को आर्थिकी के साथ जोड़ने के बड़े अभियान को आगे बढ़ाया है। यहां विकास के अनेक बड़े-बड़े कार्य हुए। महाकुम्भ के कारण यह प्राचीन व पौराणिक नगरी आज नए कलेवर के रूप में दिखाई दे रही है। लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि महाकुम्भ का आयोजन प्रयागराज जैसे शहर के विकास को बढ़ाने में काफी सफल रहा है। कभी माफियाराज के चंगुल में फंसे प्रयागराज का महाकुंभ के कारण कायाकल्प हो गया है
'सामूहिक प्रयास का परिणाम सफलता होती है'
सीएम योगी ने कहा कि कार्य संपन्न होने के बाद अक्सर हर व्यक्ति अपनी राह पकड़कर आगे की सोचने लगता है। नींव पर बनी इमारत में सब रहते हैं, लेकिन पत्थऱ भुला दिए जाते हैं। उनके महत्व को विस्मृत कर दिया जाता है।‘महाकुम्भ की नींव'को जिन स्वच्छता कर्मियों ने सुद्दढ़ करने का प्रयास किया, जिनकी बदौलत यह दिव्य-भव्य महाकुम्भ हो पाया। उनके सम्मान का यह कार्यक्रम अभिभूत करने वाला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी आयोजन सफलता की ऊंचाई पर तब पहुंचता है, जब सब लोग सामूहिक भाव के साथ मिलकर प्रयास करते हैं। सामूहिक प्रयास का परिणाम सफलता होती है। सामूहिक प्रयास को जब सकारात्मक भाव के साथ देखते हैं तो समाज के लिए वह प्रेरणा बन जाती है। प्रयागराज में भी ऐसा ही हुआ। बुजुर्ग माता-पिता को कुम्भ में स्नान कराने के लिए यूएस,ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके समेत तमाम देशों से लोगों के फोन आए।
स्वच्छता अंत:करण की संतुष्टि का पहला पैमाना होता हैः योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी महाकुंभ में आया, उसने सफाई व सुरक्षाकर्मियों की प्रशंसा अवश्य की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजन दिया था कि हमारे आयोजन लोगों को अंत:करण से संतुष्टि दे सकें, क्योंकि स्वच्छता अंत:करण की संतुष्टि का पहला और व्यवहार दूसरा पैमाना होता है। योगी आदित्यनाथ ने 45 दिन में आने वाले 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं का जिक्र किया। उन्होंने हर स्नान पर आने वाली श्रद्धालुओं का भी आंकड़ा बताया और कहा कि जो लोग जितना दुष्प्रचार-अफवाह फैलाते थे, उन्हें जवाब देने के लिए जनता उतनी ही मजबूती से प्रयागराज आ धमकती थी। बहुत लोग जनता से नकारात्मक बोलवाने का प्रयास करते थे। उन्होंने कहा कि एक यूट्यूबर कर्नाटक से आए श्रद्धालु से पूछ रहा था कि कितना पैदल चले, उत्तर मिला- पांच किमी.। फिर उसने कहा कि पता है अभी कितना और पैदल चलना होगा, तो श्रद्धालु ने कहा कि नहीं। इस पर यूट्यूबर ने बताया कि अभी पांच किमी. और। श्रद्धालु ने कहा कि 50 भी चलना पड़े तो जाऊंगा। प्रश्न करने वाले ने कहा कि सरकार को व्यवस्था देनी चाहिए थी। श्रद्धालु ने कहा कि पैदल मैं चल रहा हूं, परेशानी तुम्हें क्यों हो रही है। भगवान के धाम तो पैदल ही जाना चाहिए। यह हमारे लिए साधना है।