महाकुंभ समरसता का प्रतीक, युवाओं का इससे जुड़ना स्वर्णिम भविष्य सुनिश्चित करता है: PM मोदी
punjabkesari.in Sunday, Jan 19, 2025 - 01:05 PM (IST)
महाकुंभ 2025: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘महाकुंभ' को एकता और समता-समरसता का असाधारण संगम करार दिया और कहा कि हजारों वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में कहीं भी कोई भेदभाव और जातिवाद नहीं है। दरअसल, ‘मन की बात' की 118वीं कड़ी और साल 2025 की पहली कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने महाकुंभ में युवाओं की बढ़ती भागीदारी का उल्लेख किया और कहा कि जब युवा पीढ़ी अपनी सभ्यता के साथ गर्व से जुड़ जाती है तो उसकी सभ्यतागत जड़े और मजबूत होती है और तब उसका स्वर्णिम भविष्य भी सुनिश्चित हो जाता है।
कुंभ एकता का महाकुंभ हैः मोदी
पीएम मोदी ने ‘कुंभ', ‘पुष्करम' और ‘गंगा सागर मेले' का उल्लेख करते हुए कहा कि ये पर्व सामाजिक मेल-जोल, सद्भाव और एकता को बढ़ाने वाले पर्व हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये पर्व भारत के लोगों को भारत की परंपराओं से जोड़ते हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कुंभ में दक्षिण, पश्चिम और हर कोने से लोग आते हैं। कुंभ में गरीब और अमीर सब एक हो जाते हैं और सब लोग संगम में डुबकी लगाते हैं। एक साथ भंडारे में प्रसाद ग्रहण करते हैं। तभी तो कुंभ एकता का महाकुंभ है। कुंभ का आयोजन हमें यह भी बताता है कैसे हमारी परंपराएं पूरे भारत को एक सूत्र में बांधती हैं।''
'युवाओं की भागीदारी बहुत व्यापक रूप में नजर आई'
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार कुंभ में युवाओं की भागीदारी बहुत व्यापक रूप में नजर आई है। उन्होंने कहा, ‘‘जब युवा पीढ़ी अपनी सभ्यता के साथ गर्व के साथ जुड़ जाती है तो उसकी जड़े और मजबूत होती है और तब उसका स्वर्णिम भविष्य भी सुनिश्चित हो जाता है।'' बता दें कि 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ का अयोजन हुआ और 45 दिनों तक चलेगा। इसमें देश और दुनियाभर से श्रद्धालु पहुंच रहे है और गंगा, संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे है।