Mathura News: जन्माष्टमी पर दिखी हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल, मुस्लिम कारीगरों ने सजाए राधा-कृष्ण के पोशाक

punjabkesari.in Monday, Aug 26, 2024 - 01:21 PM (IST)

Mathura News: (मदन सारस्वत) आज देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा। सुबह से ही देश के तमाम कृष्ण मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ अपने आराध्य के दर्शन के लिए उमड़ रही है। ऐसे में जहां एक ओर आज मथुरा के बांके बिहारी मंदिर को दुल्हन के तरह सजाया गया है तो वहीं दूसरी ओर कृष्ण की नगरी से इस जन्माष्टमी पर हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल पेश करती एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने सबका मन मोह लिया।

जन्माष्टमी पर दिखी हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल
दरअसल, मथुरा और वृंदावन की गलियों में आज जन्माष्टमी की धूम है, और हर साल इस पावन अवसर पर एक विशेष दृश्य देखने को मिलता है। यहां के मुस्लिम कारीगर भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश करते हुए राधा-कृष्ण की पोशाक बनाते नजर आते है। ये कारीगर कई पीढ़ियों से अपने हुनर और समर्पण के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को भव्य बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

मुस्लिम कारीगरों ने सजाए राधा-कृष्ण के पोशाक
आपको बता दें कि मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनाए वस्त्र केवल स्थानीय बाजारों तक सीमित नहीं रहते बल्कि इन्हें देश के साथ-साथ विदेशों में भी सराहा जाता है। पोशाक की बारीकियों और सुंदरता के पीछे कारीगरों की दिन-रात की मेहनत छिपी होती है और एक पोशाक को तैयार करने में लगभग 4-5 दिन लगते हैं, जिसमें कारीगर अपनी पूरी निपुणता और समर्पण झोंक देते हैं।

धूमधाम से मनाया जा रहा जन्माष्टमी का त्योहार
बता दें कि जन्माष्टमी के दौरान इन कारीगरों का काम काफी बढ़ जाता है, लेकिन इसके बावजूद वे इस कार्य को आनंद और उत्साह के साथ पूरा करते हैं। इनके अनुसार, बाल गोपाल के लिए पोशाक बनाना एक सेवा के समान है और उन्हें इसमें भेदभाव जैसी कोई बात महसूस नहीं होती। ऐसे में मथुरा और वृंदावन में मुस्लिम कारीगरों द्वारा राधा-कृष्ण के पोशाकों को तैयार करना न केवल उनके कला कौशल का प्रदर्शन है, बल्कि यह इस देश की सांस्कृतिक विविधता और आपसी भाईचारे का प्रतीक भी है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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