सरकार की नीयत पर भारी शक, मौलाना कौसर हयात ने छांगुर बाबा केस को बताया मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश!
punjabkesari.in Wednesday, Jul 16, 2025 - 02:15 PM (IST)

Moradabad News: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना कौसर हयात खान ने जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं, क्योंकि अगर किसी के पास अवैध पैसा आ रहा है तो इसके लिए पहले से मौजूद विभागों की नाकामी भी देखनी चाहिए। मौलाना ने कहा कि अगर किसी के पास अवैध पैसा है, तो विभाग क्या कर रहे थे? अचानक कार्रवाई कर मीडिया में इसे फैलाना क्या सिर्फ मीडिया ट्रायल नहीं है?
मिली जानकारी के मुताबिक, मौलाना का कहना है कि देश में अदालतें और कानून का पूरा सिस्टम है। फिर भी बिना सबूत किसी पर 400-500 करोड़ रुपए के आरोप लगाना गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को कई सालों से इसकी जानकारी थी लेकिन उसने नजरअंदाज किया, जो उसकी बदनीयती दिखाता है।
मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश
मौलाना कौसर हयात ने कहा कि यह कार्रवाई मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश है। उनका कहना था कि अगर कोई दोषी है, तो सरकार को कोर्ट में सबूत पेश कर मुकदमा चलाना चाहिए। मकान तोड़ देना और मीडिया में बयान देकर बदनामी फैलाना गलत है। उन्होंने सरकार पर गलत तरीके से काम करने का आरोप लगाया।
धर्म परिवर्तन का अधिकार
धर्मांतरण के मुद्दे पर मौलाना ने कहा कि हर नागरिक का अधिकार है कि वह अपनी मर्जी से किसी भी धर्म को अपना सके। सरकार इसे रोक नहीं सकती। उन्होंने अवैध धर्मांतरण के आरोपों को सही मानने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कई लोग गिरफ्तार किए गए लेकिन जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के सबूत नहीं मिले। उन्होंने भाजपा सरकार पर बेवजह बदनाम करने और सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, जिससे समाज में तनाव बढ़ रहा है।
घर वापसी को बताया असली अवैध धर्मांतरण
मौलाना ने कहा कि 'घर वापसी' के नाम पर लोगों को दबाव में धर्मांतरण करवाना असली अवैध धर्मांतरण है। उन्होंने जोर दिया कि कानून के तहत किसी भी धर्म का प्रचार करने की पूरी आजादी है। इस्लाम की अच्छाइयों को बताना उनका अधिकार है, जैसे कि ईसाई धर्म भी अपने धर्म का प्रचार कर सकता है। इसे रोकना तानाशाही होगा।