बृजपाल बना अब्दुल्ला, राजकुमारी बनी आयशा... अब प्रभात का खतना कर बना रहे थे हामिद, बरेली में 'छांगुर बाबा' पार्ट-2!
punjabkesari.in Wednesday, Aug 27, 2025 - 11:43 AM (IST)

Bareilly News (मोहम्मद जावेद खान): उत्तर प्रदेश में बरेली पुलिस और खुफिया विभाग ने मिलकर एक धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो एक मदरसे से संचालित हो रहा था। इस गिरोह का मास्टरमाइंड मदरसा संचालक बताया गया है, जो अब तक कई हिंदू परिवारों को इस्लाम में धर्म परिवर्तन करवा चुका था। मामले में एक दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि 4 आरोपियों को जेल भेजा गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस को एक महिला अखिलेश कुमारी ने शिकायत दी कि उसका दृष्टिबाधित बेटा प्रभात उपाध्याय, जो कि राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवक्ता है, उसे शादी का झांसा देकर मदरसे में रोका गया है और उसका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। शिकायत मिलते ही पुलिस ने 25 अगस्त को भुता क्षेत्र के फैजनगर स्थित मदरसे में छापा मारा।
खतने की तैयारी कर रहे थे आरोपी
जब पुलिस मदरसे के अंदर पहुंची, तो वहां प्रभात उपाध्याय को 4-5 लोग घेरे हुए थे और उसका खतना करने की तैयारी चल रही थी। धर्म बदलने के बाद प्रभात का नाम बदलकर 'हामिद' रखा जा चुका था। पुलिस को प्रभात के पास से 10 किताबें और 12 सीडी मिलीं, जिनमें जाकिर नाइक के वीडियो थे।
दिव्यांगों को बनाया जा रहा था निशाना
एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने बताया कि यह गिरोह खासतौर पर दिव्यांगों को निशाना बना रहा था। उन्हें शादी, आर्थिक मदद और बेहतर जीवन का लालच देकर मजबूर किया जा रहा था कि वे अपना धर्म बदल लें।
पहले भी हो चुके हैं धर्मांतरण के मामले
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि 10 साल पहले इसी गिरोह ने बृजपाल सिंह नाम के एक युवक और उसके परिवार का भी धर्म परिवर्तन कराया था। बृजपाल का नाम अब्दुल्ला, मां उषा रानी का नाम अमीना और बहन राजकुमारी का नाम आयशा रख दिया गया था।
गिरफ्तार हुए लोग और रैकेट का तरीका
पुलिस ने इस मामले में अब्दुल मजीद (मौलाना), महमूद बेग, सलमान और आरिफ को गिरफ्तार किया है। इन सभी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। इस गिरोह का तरीका था कि पहले किसी पीड़ित को लालच देकर अपने पास लाते, फिर ब्रेनवॉश करते और धर्मांतरण की प्रक्रिया शुरू करते। कई बार शादी का लालच देकर भी धर्म बदलवाया गया।
पुलिस की कार्रवाई जारी
पुलिस का कहना है कि इस गिरोह का पूरा नेटवर्क और फंडिंग कहां से हो रही है, इसकी जांच की जा रही है। आरोपियों के संपर्क और डिजिटल रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।