मायावती ने मदरसों के सर्वे पर उठाए सवाल, कहा-  गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों में दखल क्यों दे रही सरकार

punjabkesari.in Wednesday, Oct 26, 2022 - 12:30 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने राज्य के मदरसों का सर्वे करा कर निजी मदरसों को गैर मान्यता प्राप्त घोषित किये जाने पर योगी सरकार की कारर्वाई को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए बुधवार को कहा कि गैर सरकारी मदरसे यदि सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते हैं तो फिर इनमें दखल क्यों दिया जा रहा है।

मायावती ने मदरसों की जांच रिपोटर् का हवाला देते हुए ट्वीट कर कहा, ‘‘यूपी सरकार द्वारा विशेष टीम गठित करके लोगों के चन्दों पर आश्रित प्राइवेट मदरसों के बहुचर्चित सर्वे का काम पूरा, जिसके अनुसार 7,500 से अधिक ‘गैर-मान्यता प्राप्त' मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं। ये गैरसरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों?''

प्राइवेट मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करके सरकारी मदरसा बनाए सरकार 
उन्होंने पूछा कि क्या सरकार गैर मान्यता प्राप्त घोषित किये गये निजी मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करेगी, जिस प्रकार बसपा सरकार ने 100 मदरसों को यूपी बोर्ड में शामिल किया था। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘जबकि सरकारी मदरसा बोर्ड के मदरसों के टीचर व स्टाफ के वेतन आदि के लिए बजट प्रावधान हेतु खास तौर से सर्वे कराया जाता है, तो क्या यूपी सरकार इन प्राइवेट मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करके उन्हें सरकारी मदरसा बनाएगी? बीएसपी सरकार ने 100 मदरसों को यूपी बोर्ड में शामिल किया था।''

सर्वे रिपोर्ट में प्रदेश के 7500 से अधिक निजी मदरसे की पुष्टि
गौरतलब है कि योगी सरकार ने हाल ही में प्रदेश के मदरसों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का हवाला देकर इनका सर्वे कराया है। सर्वे रिपोर्ट में प्रदेश के 7500 से अधिक निजी मदरसे गैर मान्यता प्राप्त श्रेणी में शामिल बताये गये हैं। ऐसे में सभी की नजरें अब इन मदरसों के बारे में सरकार के अगले कदम पर टिकीं हैं। हालांकि सरकार ने इसे लेकर अपने बयान को स्पष्ट कर चुकी है कि मदरसा सर्वे का उद्देश्य आधुनिकीकरण शिक्षा से जोड़ना है। फिलहाल कुछ राजनीतिक पार्टी इसे लेकर एक साजिश बता रही है। 

 


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Content Writer

Ramkesh

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