मीरापुर उपचुनाव: ‘अपनी बहन को क्षमा कर दो...’, लोकदल प्रत्याशी मिथलेश पाल ने फैलाई झोली, भाइयों से भात में मांगे वोट
punjabkesari.in Monday, Oct 28, 2024 - 04:37 AM (IST)
Muzaffarnagar News, (अमित कुमार): उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में रविवार को राष्ट्रीय लोकदल के द्वारा नगर में स्थित आशीर्वाद बैंकट हॉल में एक कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया गया था। जिसमें पहुंची मीरापुर विधानसभा से एनडीए से लोकल की प्रत्याशी मिथलेश पाल ने मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बोलीं की अपनी बहन को क्षमा कर दो और 13 तारीख को वोटिंग के दिन भात कर मैं आपसे यही कहना चाहती हूं कि अपनी बहन का ऐसा भात भर दो कि लोग देखते रह जाएं कि मुझे मीरापुर और सर्व समाज के लोगों ने जिताया है।
'मुस्लिम समाज के लोग भी अपनी इस बहन को भात के रूप में वोट की सपोर्ट करके जिताएंगे'
इस दौरान जब मीडिया द्वारा मिथलेश पाल से इस बाबत सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सदियों से यह प्रथा चली आ रही है कि गांव गके ही नहीं बल्कि पूरे जिले के लोग जो जिसे अपनी बहन मानते थे वो इकट्ठा होकर जिसका जैसा जुगाड़ होता था बहन की शादी में भात दिया करता था। इसलिए आज भी वही स्थिति है जिसके चलते तन मन धन से सर्व समाज के लोग ही नहीं मुस्लिम समाज के लोग भी अपनी इस बहन को भात के रूप में वोट की सपोर्ट करके जिताएंगे। बता दें की लोकदल कार्यकर्त्ता सम्मलेन इस तरह झोली फैलाकर वोट की अपील करने से लगता है की कही न कही जो अंतर कलह टिकट को लेकर मुज़फ्फरनगर में लोकदल और बीजेपी नेता कार्यकर्ताओ में होना बताया जा रहा था शायद ये उसको कंट्रोल करने के लिए था। इस दौरान कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री अनिल कुमार ,बिजनौर सांसद चन्दन सिंह चौहान सहित लोकदल के विधायक और नेतागण कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।
मेरा ही नहीं यह आम जनता का टिकट है
बरहाल मंच से बोलते हुए जहा मिथलेश पाल ने कहां की इस बहन को अपनी बहन को क्षमा करते हुए 13 तारीख को वोटिंग होगी मैं भात के रूप में और मैं भाइयों से गुरुओं से पल्ला फैला फैला करके निवेदन करती हूं कि ऐसा भात भर दो यह जीत मेरी नहीं यह टिकट मेरा ही नहीं यह आम जनता का टिकट है सर्व समाज का टिकट है हर घर का टिकट है मैं यही कहना चाहूंगी अपनी बहन का ऐसा भात भर दो के लोग देखते रह जाएं कि मुझे मीरापुर और सर समाज के लोगों ने जिताया।
तो वहीं मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहां की आपने जो पल्ला फैलाकर जो भात मांगा है यह बात सही है की सदियों से चला आ रहा है, पुराने समय से चला रहा है। गांव के गवहाण्ड के बल्कि दूसरे जिले के लोग भी अपनी बहन मानते थे ओर जब भात का समय आता था तो सब लोग इकट्ठा होकर जाते थे और जिसका जैसा जुगाड़ होता था वह भात के रूप में सहयोग करते थे। आज भी यही स्थिति है तन से मन से धन से सर्व समाज के लोग बल्कि मैं तो यह कहूंगी कि मुस्लिम समाज के लोग भी उत्साहित हैं वह भी वोट करेंगे सपोर्ट करेंगे और अपनी इस बहन को भात के रूप में एक-एक वोट डालकर जीताकर भेजेंगे और एनडीए के प्रत्याशी को जिता कर दोनों पार्टियों के हाथ मजबूत करेंगे।