मेरठ में रातभर बंद रहा कमरा… सुबह धुआं उठता दिखा तो फैल गई दहशत—दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर हेड कांस्टेबल कंकाल बन चुका था, आखिर क्या हुआ था उस रात?

punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 11:01 AM (IST)

Meerut News: मेरठ जिले के साकेत स्थित शर्मा नगर में मंगलवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल विभोर पंवार अपने किराए के कमरे में जिंदा जल गए। देर रात उनके कमरे से उठता धुआं देखकर पड़ोसी दंग रह गए। दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे लोगों ने देखा कि विभोर का शरीर लगभग कंकाल जैसा हो चुका था। शुरुआती जानकारी के मुताबिक आग बीड़ी से लगी चिंगारी के कारण लगी।

2 महीने पहले कमरे में हुए थे शिफ्ट
शामली जिले के कांधला थाना क्षेत्र के नाला गांव के मूल निवासी विभोर पंवार (2011 बैच) करीब दो महीने पहले शर्मा नगर में किराए के मकान में रहने आए थे। उनके साथी हेड कांस्टेबल सतीश बेटी की शादी की छुट्टी पर थे। सोमवार को विभोर भी अपने घर से ड्यूटी पर लौटे थे। रात करीब 10 बजे वे कमरे में पहुंचे और बीड़ी पीने लगे। इसी दौरान उनकी रजाई में आग लग गई। बताया जा रहा है कि उन्होंने तुरंत आग बुझाने की कोशिश की और दूसरी रजाई ओढ़ ली। घटना के कुछ देर बाद उन्होंने अपनी पत्नी को फोन करके आग लगने की जानकारी भी दी, लेकिन शायद उन्हें खुद अंदाजा नहीं था कि यह हादसा उनकी जान ले लेगा।

सुबह 3:30 बजे धुआं देखकर तोड़ा गया दरवाजा
रात बीत गई, लेकिन सुबह करीब साढ़े तीन बजे मकान मालिक संजय शर्मा ने कमरे से तेज धुआं उठते देखा। उन्हें अनहोनी की आशंका हुई। पड़ोसियों को बुलाकर दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर का नज़ारा दिल दहला देने वाला था—विभोर गर्दन से नीचे लगभग पूरी तरह जल चुके थे। सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। कमरे से खाली शराब की बोतल, पानी की बोतल, दो जली हुई रजाइयां और जला हुआ बेड बरामद हुआ। दरवाजा अंदर से बंद था, इसलिए पुलिस ने इसे स्पष्ट रूप से हादसा माना है। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह दुर्घटना ही लग रही है।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
घटना की खबर मिलते ही विभोर के पिता जयकुमार सिंह, भाई आशीष और अन्य परिजन मेरठ पहुंचे। पोस्टमॉर्टम के बाद मेरठ पुलिस लाइन में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। फिर शव परिवार को सौंप दिया गया और गांव में अंतिम संस्कार किया गया। विभोर की जिंदगी पहले से ही कई मुश्किलों से गुज़र चुकी थी। उनकी पहली पत्नी का निधन एक साल पहले हो चुका था। पहली पत्नी से उनकी 8 साल की बेटी और 6 साल का बेटा शिवांश है। कुछ समय पहले ही उन्होंने दिल्ली की अंशू से दूसरी शादी की थी। विभोर के छोटे भाई निखिल और आशीष भारतीय सेना में सिपाही हैं। परिवार और ग्रामीणों ने सरकार से मुआवजा और नौकरी की मांग की है।

ईमानदार और मिलनसार थे विभोर
ग्रामीणों का कहना है कि विभोर बेहद ईमानदार और मिलनसार थे। जब भी गांव आते, तो युवाओं को अच्छी राह पर चलने की सीख देते थे। पढ़ाई में तेज थे और कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर चुके थे। वे लगभग हर हफ्ते घर आते और परिवार के साथ समय बिताकर वापस ड्यूटी पर लौट जाते थे।


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Content Editor

Anil Kapoor

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