‘बहू नहीं बेटी है मेरी’… मां ने छोड़ा साथ, सास बनी मसीहा, किडनी देकर बहू को दी नई ज़िंदगी
punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 11:39 PM (IST)

Etah: कहते हैं कि सास-बहू का रिश्ता अक्सर तकरार और टकराव का होता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के एटा जिले से एक ऐसा वाकया सामने आया है, जो इस रिश्ते को त्याग और ममता की मिसाल में बदल देता है। यहां एक सास ने वही किया, जिसकी उम्मीद सगी मां से की जा रही थी — अपनी बहू को किडनी देकर उसकी जान बचा ली। 55 वर्षीय बीनम देवी ने अपने बेटे की पत्नी पूजा को किडनी डोनेट कर समाज में एक नया उदाहरण पेश किया है। पूजा की हालत नाजुक थी, डॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि ट्रांसप्लांट ही आखिरी विकल्प है।
कठिन वक्त में सास बनी मां से बढ़कर
पूजा को डिलीवरी के दौरान गंभीर संक्रमण हो गया था, जिसके चलते 75% किडनी फेल हो चुकी थी। बीते छह महीनों से वह डायलिसिस पर थी, लेकिन हालात बदतर होते जा रहे थे। जब पूजा की सगी मां ने किडनी देने से साफ मना कर दिया, तो ससुराल में भी डोनर की तलाश शुरू हुई। लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। ऐसे में बीनम देवी ने न सिर्फ हिम्मत दिखाई, बल्कि बिना किसी संकोच के किडनी डोनेट करने का बड़ा फैसला लिया।
‘बहू नहीं, बेटी है मेरी’…बीनम देवी
लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में सफल ट्रांसप्लांट ऑपरेशन हुआ। फिलहाल पूजा और उनकी सास दोनों सुरक्षित और स्थिर स्थिति में हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि पूजा को आगे करीब एक साल तक अस्पताल में इलाज की आवश्यकता रहेगी। बीनम देवी ने भावुक होकर कहा, "पूजा मेरी बहू नहीं, मेरी बेटी है। उसकी जान बचाकर मुझे आत्मिक संतोष मिला है।"