साम्प्रदायिकता से बचें मुसलमान, इस्लामी शिक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा स्कूल खोलें: मदनी
punjabkesari.in Friday, Dec 08, 2023 - 09:24 PM (IST)

लखनऊ: जमीयत उलमा के जलसे में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि साम्प्रदायिकता की वजह से एक बार हमारा देश टूट चुका है इसलिए साम्प्रदायिकता फैलाने वालों से दूरी बनाकर रखें। उन्होंने कहा कि हम एक ही मां-बाप की औलाद हैं इसलिए किसी के साथ भी भेदभाव का बर्ताव न करें। मौलाना अरशद का मदनी गुरुवार को विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित सुन्नी इंटर कालेज में आयोजित जमीयत उलमा से जुड़े उत्तर प्रदेश के 37 जिलों से आये सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।
साम्प्रदायिकता से देश को नुकसान
मौलाना ने कहा कि साम्प्रदायिकता से देश को नुकसान होता है। साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वाले लोग देश के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि हमें हमारे बुजुर्गों ने अपने हमवतनी भाइयों के साथ मोहब्बत से रहने का हुक्म दिया और हम हमेशा मोहब्बत को बढ़ाने में ही लगे हैं। जमीयत उलमा के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा स्कूल बनाने की जरूरत है। आठवीं क्लास के बाद लड़कियों के अलग स्कूल बनाने की जरूरत है क्योंकि लड़कियों को धर्मांतरण का शिकार बनाया जा रहा है।
जलसे में पास हुए आठ प्रस्ताव:
मौलाना अशफाक ने जलसे में आठ प्रस्ताव पेश किये, जिन्हें सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। पहले प्रस्ताव में कहा गया कि साम्प्रदायिकता से देश को नुक्सान होता है इसलिए इसका किसी भी हाल में समर्थन न किया जाए और देश में सभी को जोड़ने की कोशिश की जाए।
ज्यादा से ज्यादा स्कूल स्थापित किये जाएं
दूसरा प्रस्ताव शिक्षा को लेकर आया। इसमें कहा गया कि इस्लामी शिक्षा देने वाले ज्यादा से ज्यादा स्कूल स्थापित किये जाएं। आठवीं कक्षा के बाद लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल हों। प्रस्ताव में कहा गया कि वोट डालना हमारी जिम्मेदारी है। अपने लोकतंत्र को जिन्दा रखने के लिए सभी का वोट डालना जरूरी है।
देश के मंदिर तोड़कर नहीं बनी थी बाबरी मस्जिद
जलसे के बाद पत्रकारों ने मौलाना अरशद मदनी के सामने छह दिसम्बर को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि अदालत में अपने फैसले में साफ कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी। अदालत ने आस्था के आधार पर फैसला सुनाते हुए मस्जिद की जगह मंदिर के लिए दे दी। उन्होंने कहा कि जमीयत उलमा हिन्द ने बाबरी मस्जिद का मुकदमा 70 साल तक विभिन्न अदालतों में लड़ा। मदनी ने कहा कि हम कहते थे कि जो मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई जाएगी, वह मस्जिद इस्लाम में नहीं मानी जाएगी। जो मैं कहता था, उच्चतम न्यायालय ने भी वही कहा कि मस्जिद अपनी जगह है। राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि मैं कामयाब हुआ। आस्था की बुनियाद पर उन्होंने (उच्चतम न्यायालय ने) दूसरे (पक्ष को मस्जिद) दे दी। जो इल्जाम बाबर के ऊपर लगता था आज वही इल्जाम मौजूदा लोगों पर लग रहा है कि उन्होंने मस्जिद को लेकर उस पर मंदिर बना दिया। बाबर अब इल्जाम से बरी है। मौलाना मदनी ने उत्तर प्रदेश के कुछ मदरसों को विदेश से पैसे मिलने की जांच से जुड़े एक सवाल पर कहा कि नहीं कोई वित्तपोषण नहीं हो रहा है। साबित करिए कौन विदेश से वित्तपोषण ला रहा है। क्या हिंदुस्तान में वित्तपोषण करने वालों की कमी है।