मस्जिद का इमाम नहीं, औरतों का शिकारी था वो! MNC में जॉब करने वाली नईमा को 5वीं पास शहजाद ने फंसाया, फिर बुर्के में मिली लाश, दर्दनाक दास्तां सुन कांप जाएगी रूह

punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 11:50 AM (IST)

मेरठ/मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में करीब 51 दिन पहले सिवालखास गंगनहर पटरी पर एक महिला की बुर्के में लाश मिली थी। महिला का शव मिलने पर पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। अब महिला के बारे में हुए खुलासे ने हर किसी को  दहलाकर रख दिया है। किसी को अंदाजा नहीं था कि यह लाश असम की पढ़ी-लिखी और एमएनसी में काम करने वाली नईमा यास्मीन की है। नईमा का कत्ल किसी अजनबी ने नहीं, बल्कि उसी के पति ने किया था। इमाम शहजाद नामक एक आदमी उसकी जिंदगी में आया, जो खुद को कपड़ों का कारोबारी बताता था। लेकिन असल जिंदगी में वह एक मस्जिद का इमाम और तीन बच्चों का बाप था।

कैट लवर से लेकर ऑनलाइन निकाह तक...
गुवाहाटी की रहने वाली नईमा एनिमल वेलफेयर एनजीओ से भी जुड़ी थी। जानवरों से उसे बेहद लगाव था। साथ ही उसके पास पांच-छह बिल्लियां थीं। जानवरों का यही लगाव उसकी कमजोरी बन गई। दरअसल, इसी एनजीओ के जरिए साल 2024 में उसकी मुलाकात शहजाद से हुई। सोशल मीडिया के जरिए दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई और फिर धीरे-धीरे दोस्ती आगे बढ़ी। शहजाद ने खुद को दिल्ली का ग्रेजुएट कारोबारी बताया। साथ ही कहा कि उसे भी बिल्लियों से बहुत प्यार है। उसने नईमा से वही बातें करी जो उसे पसंद थीं। कैट लवर बनकर उसने धीरे-धीरे नईमा का भरोसा जीता और फिर शुरू हुआ प्यार का सिलसिला। सितंबर 2024 में दोनों ने ऑनलाइन निकाह भी कर लिया।

'बिजनेसमैन' जो खुद मस्जिद के राशन पर पलता.... 
निकाह के बाद दोनों दिल्ली में साथ रहने लगे। जिसकी जानकारी नईमा ने सिर्फ अपनी बहन को दी थी। नईमा खुश थी और अपने नए जीवन की बातें सिर्फ अपनी बहन के साथ साझा करती थी। निकाह के करीब तीन महीने बाद शहजाद ने नईमा से  कहा कि चलो मुजफ्फरनगर में तुम्हें अपना पुश्तैनी घर दिखाता हूं। लेकिन, मुजफ्फरनगर पहुंचते ही नईमा के सपने टूट गए। खुद को बिजनेसमैन बताने वाला शहजाद एक इमाम निकला, जो खुद मस्जिद के राशन पर पलता था। उसका कोई व्यापार नहीं था। उसके द्वारा बताई गई हर कहानी झूठ और केवल झूठ थी। शहजाद का झूठ यहीं नहीं रूका, नईमा के सामने शख्स की पहली शादी और तीन बच्चों का सच भी खुल गया। 

सच्चाई खुली और बदला शहजाद का चेहरा, सैलरी, सेविंग्स... सब हड़प ली 
शहजाद की हकीकत जानकर नईमा पूरी तरह बिखर गई। उधर, अपनी सच्चाई खुलते ही शहजाद का चेहरा भी बदल गया। वह नईमा की सैलरी हड़पने लगा। उसकी सारी सेविंग्स भी खत्म कर दीं। इतना ही नहीं उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट भी करने लगा।   

16 सितंबर का वो कातिल मंजर
सच्चाई सामने आने के बाद नईमा ने शहजाद पर नजर रखनी शुरू कर दी। साथ ही पहली पत्नी और बच्चों से मिलने पर रोक लगाई। ये बात शहजाद को नागवार गुजरी और उसने नईमा को रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया। जिसके लिए उसने अपने दोस्त नदीम को 12 हजार रुपए देकर साथ मिलाया। 16 सितंबर को शहजाद शॉपिंग के बहाने नईमा को मेरठ लेकर आया और रास्ते में उसे जूस में मिलाकर नींद की गोलियां देकर बेहोश कर दिया। फिर दोनों उसे एक खेत में ले गए। जहां नदीम ने रस्सी से उसका गला दबाया और शहजाद ने छुरे से गले को रेत दिया। फिर दोनों ने लाश को एक बुर्के में लपेट कर फेंक दिया। फिर वापस घर लौटकर शहजाद ने मुजफ्फरनगर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। 

लाश, सुराग और इमाम का कबूलनामा
17 सितंबर को मेरठ के सिवालखास इलाके में पुलिस को एक महिला की लाश मिली। जिसकी पहचान नहीं हो पाई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला रेतने से मौत की पुष्टि हुई। जिसके बाद जांच आगे बढ़ी तो शव का लिंक मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने में दर्ज गुमशुदगी की रिपोर्ट से जुड़ा। लाश की पहचान के बाद पुलिस ने नईमा के पति शहजाद से पूछताछ शुरू की तो शुरुआत में वह झूठ बोलता रहा, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने सारा सच उगल दिया। 


 


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Content Editor

Purnima Singh

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