PM मोदी और सांप्रदायिक मुद्दों पर पोस्ट से घिरी नेहा सिंह राठौर, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत...FIR बरकरार
punjabkesari.in Monday, Oct 13, 2025 - 08:31 PM (IST)

Neha Singh Rathore: लोकप्रिय लोकगायिका नेहा सिंह राठौर को सुप्रीम कोर्ट से उस समय बड़ा झटका लगा जब अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया। यह एफआईआर उनके एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज की गई थी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार चुनाव और हिंदू-मुस्लिम राजनीति से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर टिप्पणी की थी। नेहा ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि उनके खिलाफ देशद्रोह समेत कई गंभीर धाराएं अनुचित तरीके से लगाई गई हैं। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में उनका पक्ष रखते हुए कहा कि नेहा ने केवल अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग किया है, और पूरी एफआईआर नहीं, बल्कि केवल कुछ विशेष धाराओं को हटाने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस जे. के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की पीठ ने कहा कि वर्तमान में वे ‘देशद्रोह’ से संबंधित आरोपों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नेहा सिंह राठौर आरोप तय होने की प्रक्रिया के दौरान इन मुद्दों को उठाने के लिए स्वतंत्र हैं। नेहा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें 19 सितंबर को एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।
एफआईआर किसने दर्ज करवाई और क्यों?
यह मामला तब सामने आया जब हजरतगंज थाने में अभय प्रताप सिंह नामक व्यक्ति ने नेहा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। अभय सिंह का आरोप है कि नेहा सिंह बार-बार अपने पोस्ट के जरिए एक खास धार्मिक समुदाय को उकसाने और देश की एकता को खतरे में डालने का प्रयास कर रही हैं।
नेहा सिंह की ओर से क्या कहा गया?
नेहा सिंह की याचिका में कहा गया कि उन पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गलत तरीके से केस दर्ज किया गया है। इसमें देश की एकता व अखंडता को खतरे में डालना, सांप्रदायिक नफरत फैलाना और शांति भंग करने जैसे आरोप शामिल हैं। साथ ही उन पर आईटी एक्ट के तहत भी प्रावधान लगाए गए हैं।