''मैं हार चुका हूं, मेरी लाश को परिवार को दे दो''—नोएडा में इंजीनियरिंग छात्र ने हॉस्टल के कमरे में उठाया दिल दहला देने वाला कदम
punjabkesari.in Monday, Dec 08, 2025 - 09:22 AM (IST)
Gautam Buddha Nagar News: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा स्थित नॉएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (NIET) में पढ़ने वाले 25 साल के एमसीए थर्ड ईयर छात्र कृष्णकांत की रविवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, छात्र का शव उसके हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला। घटना ने संस्थान के छात्रों और स्टाफ को सन्न कर दिया।
मौके से मिली जानकारी
नॉलेज पार्क थाना प्रभारी निरीक्षक सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि कृष्णकांत झारखंड का रहने वाला था और वह क्राउन हॉस्टल में अपने रूममेट हृतिक के साथ रहता था। कमरे से पुलिस को एक छोटा नोट मिला, जिसमें लिखा था: I give up. Give my body and all my belongings to my family' ‘'मैं हार चुका हूं, मेरे शव और मेरे सामान को मेरे परिवार को दे देना।' पुलिस नोट की जांच कर रही है।
पिता की आशंका और रूममेट की मदद
घटना से कुछ समय पहले कृष्णकांत ने अपने पिता से फोन पर बात की थी। बातचीत के दौरान पिता को आशंका हुई कि कृष्णकांत खुद को नुकसान पहुंचा सकता है। पिता ने तुरंत रूममेट हृतिक से संपर्क किया और कहा कि वह कृष्णकांत की स्थिति देखें। हृतिक उस समय हॉस्टल में मौजूद नहीं था, इसलिए उसने अपने एक परिचित को कमरे में जाने के लिए कहा। जब वह व्यक्ति कमरे तक पहुंचा, तो दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर खटखटाने और आवाज देने के बाद, अन्य छात्रों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया, जहां कृष्णकांत को फंदे से लटका हुआ पाया गया।
छात्र के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर ध्यान
हृतिक ने पुलिस को बताया कि कृष्णकांत पिछले काफी समय से लगातार सिरदर्द से परेशान था और मानसिक दबाव में भी दिखता था। पुलिस ने कहा कि मृत्यु का कारण पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। इसके अलावा संस्थान प्रशासन से भी छात्र की पढ़ाई, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत स्थिति से संबंधित जानकारी जुटाई जा रही है।
पुलिस और परिवार की कार्रवाई
परिवार को सूचना दे दी गई है और उनके आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस पूरे मामले की गहन जांच जारी रखे हुए है। यह घटना छात्रों और संस्थान में मौजूद लोगों के लिए स्ट्रेस और चिंता का कारण बन गई है।

