हे भगवान! 6 वीं पास छात्र लेता था MBBS में एडमिशन का ठेका, शातिर जालसाज ने कमाए 100 करोड़! साइबर क्राइम ने दबोचा
punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 04:24 PM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लखनऊ साइबर क्राइम सेल और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने मेडिकल एडमिशन के नाम पर देशभर में करोड़ों की ठगी करने वाले दो शातिरों को गिरफ्तार किया है। जिसमें से आरोपी 6वीं पास है जबकि दूसरा बीटेक का छात्र है। दोनों आरोपियों पर देश के विभिन्न राज्यों में 18 मुकदमे दर्ज हैं और अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये की ठगी का अंदेशा है।
छात्रों और अभिभावकों को बनाते थे निशाना
डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रेम प्रकाश विद्यार्थी, निवासी औरंगाबाद (बिहार) और उसके साथी संतोष, निवासी समस्तीपुर (बिहार) के रूप में हुई है। दोनों ने स्टडी पाथवे कंसलटेंसी के नाम से कई राज्यों में फर्जी ऑफिस खोलकर छात्रों और अभिभावकों को निशाना बनाया था। आरोपियों ने छात्रों को ओएमआर शीट में सही उत्तर भरवाने और मैनेजमेंट कोटे से सीट दिलाने का झांसा देकर कई पीड़ितों से लाखों रुपये हड़पे। एक पीड़ित से 45 लाख रुपये और अन्य पीड़ितों से 20 लाख,38 लाख और 23 लाख रुपये ठगे।
नीट में कम मेरिट वाले छात्रों का डेटा खरीद ठगी का खेल
पुलिस के मुताबिक आरोपित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से उन छात्रों का डेटा खरीदते थे जिनकी NEET परीक्षा में मेरिट कम आती थी। इसके बाद अखबारों, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत सोशल मीडिया पर अपनी कंसलटेंसी का विज्ञापन जारी करते थे।
गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस दे रही दबिश
वे खुद को नामी मेडिकल कॉलेजों से जुड़ा बताते और छात्रों को सीतापुर व बाराबंकी के निजी मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटा सीट दिलाने का दावा करते थे। एडवांस फीस के नाम पर अभिभावकों से लाखों रुपये लिए जाते थे, जो अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों के नाम पर खोले गए फर्जी खातों में जमा कराए जाते थे। आरोपियों के पास से 5 लाख रुपये नकद,फर्जी दस्तावेज, और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। गिरोह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से कम मेरिट वाले NEET पास छात्रों का डेटा खरीदकर उन्हें निशाना बनाता था। यूपी, दिल्ली, गुजरात और बिहार में धोखाधड़ी के 18 से अधिक मुकदमे पहले से दर्ज हैं। पुलिस इस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
‘डीपीएस जूनियर स्कूल’ की फर्जी फ्रेंचाइजी भी बेची
डीसीपी ने बताया कि प्रेम प्रकाश ने DPS जूनियर स्कूल के नाम पर एक नया फर्जी नेटवर्क तैयार किया था। पटना और बनारस में कार्यक्रम कराकर उसने इसे प्रमोट किया, जिनमें गोविंदा और प्रीति जिंटा जैसे सेलिब्रिटीज भी मंच पर दिखे। उसने 70 लोगों को स्कूल की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर 3-3 लाख रुपये सिक्यॉरिटी ली और स्टडी मटीरियल व यूनिफॉर्म के नाम पर भी लाखों रुपये ठगे।
बीटेक करने के दौरान शुरू किया था धोखाधड़ी का धंधा
प्रेम प्रकाश ने मथुरा के जीएलए कॉलेज से बीटेक किया। पढ़ाई के दौरान ही उसने मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के नाम पर ठगी का नेटवर्क खड़ा किया। उसका साथी संतोष सिर्फ छठी तक पढ़ा है और उसे 30,000 रुपये माहवार पर रखा गया था। शातिर प्रेम प्रकाश कई नामों– अभिनव शर्मा, राजीव सिंह, सर्वेश शुक्ला आदि—की आईडी से देशभर में घूमकर अपना नेटवर्क चलाता था, ताकि पुलिस उसकी असली पहचान न पकड़ सके।
देश–विदेश में करोड़ों की संपत्ति
पुलिस जांच में सामने आया कि प्रेम प्रकाश ने बनारस, दिल्ली, बिहार सहित कई शहरों में प्रॉपर्टी खरीदी है। उसका औरंगाबाद स्थित घर ही 4 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का है। वह सऊदी अरब, वियतनाम, सिंगापुर, रूस, थाईलैंड और स्विट्जरलैंड भी घूम चुका है। लखनऊ में उसने 25 लाख रुपये की जूलरी खरीदी थी।
डेटिंग ऐप टैगो के जरिए युवतियों से संपर्क
डीसीपी ने बताया कि जालसाज टैगो ऐप के कर्मचारियों को कमीशन देकर युवतियों के नंबर हासिल करता था। लग्जरी लाइफस्टाइल दिखाकर लड़कियों को अपने जाल में फंसाता और मुंबई, गोवा समेत कई शहरों में ले जाता था। पुलिस अब दोनों आरोपियों के बैंक खातों, संपत्तियों और नेटवर्क की बारीकी से जांच कर रही है।

