योगी सरकार के विकास की खुली पोल, सैंकड़ों ग्रामीण की डोर के सहारे जिंदगी का सफर

punjabkesari.in Monday, Aug 01, 2022 - 03:20 PM (IST)

अमरोहाः-उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा में गंगा किनारे बसे गांवों के ग्रामीणों की जिंदगी आज भी बद से बदतर है। आजादी के बाद से ही ग्रामीण नाव के डोर के सहारे जीवन बिता रहे हैं। ग्रामीणों की परेशानी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अगर उन्हें शहर जाना होता है तो घंटों तक नाव का इंतजार करना पड़ता है। सरकार के लाख दावों के बावजूद भी विकास कार्य यहां कोसों दूर से दिखाई देता है।

जनपद अमरोहा की तहसील धनोरा में आने वाले गंगा किनारे बसे दर्जनभर गांव के ग्रामीणों की जिंदगी बरसात के मौसम में बद से बदतर हो जाती है। गंगा किनारे बसे लोग आजादी से अब तक नांव‌ की डोर के सहारे ही शहर आते जाते हैं। कई बार तो नाव के पलटने से हादसे भी हुए हैं। इन गांवों में एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती है। कई बार गंभीर बीमारी के चलते मरीजों ने रास्ते में ही दम भी तोड़ दिया है।

ग्रामीणों का कहना है कि हमारी तरफ सरकार का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। हमारे बच्चे आज भी अशिक्षित हैं क्योंकि नाव के सहारे हमारे बच्चे समय से स्कूल नहीं पहुंच पाते तो पढ़ नहीं पाते। आप तस्वीरों में खुद देखिए कि किस तरह यह लोग जान जोखिम में डालकर सफर तय करते हैं। इनकी तरफ ना तो शासन ध्यान देता है और ना ही प्रशासन।

ग्रामीणों ने बताया कि नाव की व्यवस्था भी हम गांव वाले ही करते हैं। नाविक को गेहूं की फसल के दौरान गेहूं हम सब ग्रामीण मिल कर देते हैं जिससे हम नाव में आना-जाना करते हैं। शासन या प्रशासन की तरफ से हमें आजादी से अब तक नाव भी मुहैया नहीं कराई गई। हम लोग बुरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

वहीं अगर बात की जाए सरकार की तो धनोरा विधानसभा से भाजपा विधायक राजीव तरारा ने इन ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार से गंगा पुल के लिए विधानसभा में मांग रखी थी। जिसे भाजपा सरकार ने 2022 के चुनाव से पहले मंजूरी भी दे दी थी और भाजपा विधायक राजीव तरारा ने निर्माण कार्य को शुरू करवा दिया था। क्षेत्रवासियों को लग रहा था कि जल्द ही शहर जाने की उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा लेकिन पिछले 6 माह से काम पूरी तरह बंद पड़ा है।

 

 

 


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Content Writer

Ajay kumar

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