कुशीनगर में पुलिस नहीं मनाती कृष्ण जन्माष्टमी, इसी दिन जंगल पार्टी ने किया था कांड...SO सहित 6 पुलिसकर्मी हुए थे शहीद

punjabkesari.in Monday, Aug 26, 2024 - 12:44 PM (IST)

krishna Janmashtami ( अनुराग तिवारी ): जन्माष्टमी का त्योहार आज देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह त्यौहार देशभर के विभिन्न पुलिस थानों में भी मनाया जा रहा है। लेकिन कुशीनगर पुलिस श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार नहीं मनाती क्योंकि जन्माष्टमी की रात ही जंगल पार्टी के डकैतों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हो गई थी। इसमें दो थाना के एसओ सहित 6 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। पडरौना कोतवाली का स्मृति  द्वार और यह शिलापट्ट उन जाबांज पुलिसकर्मियों की गवाही देती है। इस बार भी यह परंपरा कायम है और किसी भी थाने में जन्माष्टमी नहीं मनाया जा रहा है।
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नब्बे के दशक में गंडक नदी और बिहार से लगे कुशीनगर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में जंगल पार्टी के डकैतों वर्चस्व था। क्षेत्र में अपहरण, लूट, हत्या जैसी वारदातों से लोग परेशान थे। इसे रोकने के लिए शासन द्वारा बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र में हनुमानगंज, जटहां बाजार व बरवापट्टी थाना की स्थापना हुई। देवरिया से अलग होने के बाद कुशीनगर के पहले एसपी बुद्धचंद को डकैतों के आने की सूचना मिली। इसके बाद एसपी ने पडरौना के कोतवाल योगेंद्र प्रताप, तरयासुजान थाने के तत्कालीन एसओ अनिल कुमार पाण्डेय और कुबेरस्थान थाने के तत्कालीन एसओ राजेंद्र यादव को वहां भेजा था। रात के करीब साढ़े नौ बजे डकैतों के अड्डे पर जाने के लिए पुलिस नाव पर सवार हो कर बांसी नदी के रास्ते निकली।
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नदी के दूसरी छोर पर जाने के बाद वहां डकैतों का कोई सुराग नहीं मिला जिसके बाद इन पुलिस कर्मियों की नाव छोटा होने के चलते दो खेप में वापस होना था। पहली खेप के पुलिसकर्मी वापस हो गए, लेकिन दूसरी टीम के डेंगी में सवार होकर आगे बढ़ते ही बदमाशों ने पुलिस टीम पर बम से हमला कर दिया था और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे। इसमें पहले तो नाविक भुखल व सिपाही विश्वनाथ यादव को गोली लगी, जिससे डेंगी अनियंत्रित हो गई। इसी डेंगी में एसओ अनिल पांडेय और अन्य पुलिसकर्मी थे। पुलिसकर्मी जवाबी फायरिंग करते रहे। मुठभेड़ थमने के बाद डेंगी सवार पुलिसकर्मियों की खोजबीन की गई। जहां तरयासुजान एसओ अनिल पांडेय, कुबेरस्थान के एसओ राजेंद्र यादव, तरयासुजान थाने के आरक्षी नागेंद्र पांडेय, पडरौना कोतवाली में तैनात आरक्षी खेदन सिंह, विश्वनाथ यादव व परशुराम गुप्त मृत पाए गए थे।
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नाविक भुखल भी मारा गया था, जबकि दरोगा अंगद राय, आरक्षी लालजी यादव, श्यामा शंकर राय और अनिल सिंह सुरक्षित बच गए थे। इस घटना में कोतवाल योगेंद्र सिंह ने कुबेरस्थान थाने में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था। तब से आज तक यहां जन्माष्टमी नहीं मनाया जाता है। वहीं कुशीनगर जनपद के सभी थानों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार न बनाए जाने पर लोगों का कहना है कि अब जंगल पार्टी का आतंक खत्म हो चुका है तो इस परंपरा को पुनः शुरू करने की जरूरत है।


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Imran

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