संभल घटना पर गरमाई सियासत, ओवैसी बोले- यह गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या है... वहां अत्याचार हो रहे हैं
punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2024 - 02:31 PM (IST)
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में अब राजनीतिक बयान बाजी भी शुरू हो गई है। घटना को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है। ओवैसी ने कहा, "संभल में मस्जिद 50-100 साल पुरानी नहीं है, यह 250-300 साल से भी ज्यादा पुरानी है और कोर्ट ने मस्जिद के लोगों की बात सुने बिना ही एकपक्षीय आदेश पारित कर दिया जो गलत है... जब दूसरा सर्वेक्षण किया गया तो कोई जानकारी नहीं दी गई।
संभल में गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या की गई है: ओवैसी
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण का वीडियो जो लोग दावा कर रहे हैं कि सार्वजनिक डोमेन में है, उसमें दिखाया गया है कि सर्वेक्षण के लिए आए लोगों द्वारा भड़काऊ नारे लगाए गए थे। हिंसा हुई, तीन मुसलमानों को गोली मार दी गई। हम इसकी निंदा करते हैं। यह गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या है... इसमें शामिल अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए और एक मौजूदा उच्च न्यायालय को जांच करनी चाहिए कि यह पूरी तरह से गलत है, वहां अत्याचार हो रहे है।
घटना में अब तक सात मुकदमे दर्ज
आप को बता दे कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के क्षेत्रीय सांसद और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज करके 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना में जो बात आयेगी, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
आरोपियों की सीसीटीवी फुटेज से की जा रही पहचान
उन्होंने बताया कि बर्क द्वारा पूर्व में दिये गये भड़काऊ बयान पर उन्हें नोटिस दिया गया था। उनके पिता ममलूकुर रहमान का 10 लाख का मुचलका भरवाया गया था। विश्नोई ने बताया कि पुलिस ने संभल हिंसा मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज किये हैं जिनमें छह नामजद और 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। अब तक कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि वारदात की सीसीटीवी तथा अन्य वीडियो फुटेज का अध्ययन कर दंगाइयों की पहचान की जा रही है। उन्होंने बताया कि दंगाइयों के बारे में सूचना देने वालों को इनाम दिया जाएगा और जितने भी लोगों पर मुकदमा है उन सबको गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। हिंसा में मारे गये युवकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट संबंधी सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह विवेचना का सवाल है। अभी वह इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कहा,‘‘ संभल में रविवार दोपहर बाद से शांति व्याप्त है। जनजीवन सामान्य है। साप्ताहिक बंदी के बावजूद आज लोगों ने अपनी दुकानें खोलीं। स्थिति पूरी तरह सामान्य है। रात को गश्त की गयी। किसी तरह की कोई समस्या नहीं है।'' उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को सर्वे शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ था। जुमे की नमाज भी शांतिपूर्ण ढंग से हुई थी। कल जब यह ऐलान हुआ कि सर्वे हो गया है तो उसके बाद अचानक पथराव शुरू हुआ। पेंसिया ने कहा, ''हमें लगता है कि रातोंरात प्लानिंग की गयी थी। जांच में इसका खुलासा हो सकेगा। भीड़ ने अपने ही लोगों पर पथराव किया और गोलियां चलायीं। इससे लगता है कि उनमें आपस में भी कुछ रहा हो।
संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किये जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे। इस दौरान तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी। इस हिंसा, गोलीबारी और पथराव में उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र समेत कुल 20 लोग जख्मी हुए हैं। हिंसा के बाद व्याप्त तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं तथा 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल सोमवार को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गत मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त था। रविवार को सर्वेक्षण करने वाली टीम दोबारा मस्जिद का सर्वे करने गई थी। स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था।