बेरोजागारी को लेकर प्रसपा का जत्था साइकिल से दिल्ली रवाना, शिवपाल बाेले- 45 साल में सबसे भीषण बेरोजग

punjabkesari.in Wednesday, Sep 16, 2020 - 05:46 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार पर बेरोजगारी (Unemployment) समेत अन्य युवा विरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुये प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया)  (Pargatisheel Samajwadi Party (Lohia)) शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने बुधवार को लखनऊ से दिल्ली के लिए साइकिल यात्रा (Cycle trip) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा लखनऊ से शुरू होकर 26 सितंबर तक दिल्ली पहुंचेगी। इतिहास के प्रोफेसर अवध प्रताप ओझा के नेतृत्व में 15 युवाओं ने स्वास्थ्य दिशा निर्देशों का पालन करते हुए इस ‘साइकिल संदेश यात्रा' के लिये प्रस्थान किया। लखनऊ से शुरू होने वाली यह साइकिल यात्रा, उन्नाव, कानपुर देहात, औरैया, इटावा, शिकोहाबाद, मथुरा, अलीगढ़, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर से होते हुए इंडिया गेट दिल्ली पर 26 सितंबर को यात्रा संपन्न होगी।     
  
PunjabKesari

इस मौके पर शिवपाल यादव ने कहा कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश प्रदेश एवं देश की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिये सरकार का ध्यान आकर्षित करना, सरकार की रोजगार व नौजवान विरोधी नीतियों के खिलाफ सांकेतिक विरोध है। इसी क्रम में इस यात्रा उद्देश्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं को कोरोना काल में अध्ययन एवं अध्यापन में व्यवधान के कारण स्थगित कराना या अभ्यर्थियों हेतु भविष्य में एक अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराना है। इस यात्रा का उद्देश्य युवाओं में भरोसा पैदा करना भी है।       

शिवपाल ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ी है। देश का युवा पिछले 45 सालों की सबसे भीषण बेरोजगारी का सामना कर रहा है। अनुमान है कि अब तक 12 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है। छात्रों और नौजवानों के लिए यह एक कठिन वक्त है। खासकर उत्तर प्रदेश में बेरोजगार होने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। 
      
PunjabKesari

उन्होने कहा कि अब उत्तर प्रदेश सरकार समूह (ख) व समूह (ग) की भर्ती प्रक्रिया से चयनित अभ्यर्थियो की शुरुआती 5 सालों के लिये संविदा पर नियुक्तियां देने की तैयारी कर रही है। साथ ही सरकारी विभागों के कर्मचारियों की नियुक्तियों में संविदा प्रथा को लागू किये जाने का प्रस्ताव कर्मचारियों में आपसी हीनभावना एवं विद्वेष फैलाने का परिचायक भी होगा जो प्रदेश व देश के हित में नहीं होगा। शिवपाल ने कहा कि देश की शीर्ष नौकरशाही में हिंदी माध्यम के विश्वविद्यालयों से पढ़े उम्मीदवारों का चयन कम हुआ है। यही हाल अन्य भारतीय भाषाओं का भी है। यह देश के लिए अच्छी बात नहीं है।

PunjabKesari

उन्होने सफाई दी और शिवपाल यादव ने कहा कि हम अंग्रेजी के विरोध में नहीं हैं लेकिन भारतीय भाषाओं की शर्त पर अंग्रेजी की अनिवार्यता के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि अक्सर हम शिकायत करते हैं कि नौकरशाही और आम आदमी के बीच जुड़ाव नहीं है, लेकिन यह जुड़ाव तभी संभव है जब इस देश की नौकरशाही में बस्तर के जंगलों से लेकर उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े गांवों में हाशिए पर रहने वाले छात्र को भी वास्तविक समान अवसर प्राप्त हो। संसाधन, सामाजिक वातावरण और भाषा छात्रों के पैरों में बेडियां न बांध सके।       

शिवपाल यादव ने कहा कि भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहां युवाओं की संख्या सबसे अधिक है। लेकिन हमें यह भी याद रखना होगा कि दुनिया में सबसे अधिक बेरोजगार युवा भी हमारे देश में हैं। पढ़े-लिखे लोगों मे बेरोजगारी के हालात ये हैं कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के पद के लिए प्रबंधन की पढ़ाई करने वाले और इंजीनियरिंग के डिग्रीधारी भी आवेदन करते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ajay kumar

Recommended News

Related News

static